हिंदी पदों
की अनुपस्थिति में राजभाषा-नीति-कार्यान्वयन
जहां चाह, वहां राह की तर्ज़ पर, निम्नलिखित बिन्दुओं को ध्यान में रखकर उक्त चुनौती का समाधान
प्राप्त किया जा सकता हैः
(i). केंद्रीय सरकार के प्रत्येक कार्यालय के लिए न्यूनतम
हिंदी पदों के सृजन का प्रावधान किया गया है।
(ii). संबंधित कार्यालय को अपने प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग
के समक्ष हिंदी पदों के सृजन संबंधी नियमों के तहत विधिवत् रूप से प्रस्ताव पेश करना
चाहिए। निश्चित रूप से संबद्ध मंत्रालय/विभाग द्वारा नियमानुसार हिंदी के पद सृजित
किए जाएंगे।
(iii). जब तक हिंदी के पद के सृजन की औपचारिकताएँ पूरी
हों तब तक कार्यालय के किसी अधिकारी को भारत सरकार की राजभाषा-नीति के कार्यान्वयन
संबंधी कार्यों के लिए नामित किया जा सकता है जो अपने मूल कार्यों के अलावा राजभाषा-नीति
के कार्यान्वयन संबंधी कार्यों का निष्पादन कर सके।
(iv). किसी भी कार्यालय में भारत सरकार की राजभाषा नीति
को कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी हिंदी के पदों पर आसीन अधिकारियों/कर्मचारियों की
नहीं होती है।
(v). राजभाषा नियम 12 के अंतर्गत, किसी कार्यालय के प्रशासनिक प्रधान का यह उत्तरदायित्व होता
है कि वह संवैधानिक प्रावधानों के तहत समय-समय पर जारी किए जाने वाले निर्देशों का
अनुपालन सुनिश्चित करवाएं तथापि, प्रशासनिक प्रधान अपने इस उत्तरदायित्व
के निवर्हन के लिए हिंदी पदों पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों का सहयोग ले सकते
हैं।
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