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Sunday 31 May 2020

देश में लॉकडाउन-5 (अनलॉक-1) संबंधी दिशानिर्देश : एक नज़र में


देश में लॉकडाउन-5 (अनलॉक-1) संबंधी दिशानिर्देश : एक नज़र में

भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने अपने आदेश दिनांक 30 मई 2020 के माध्‍यम से देश में लॉकडाउन-5 संबंधी दिशानिर्देश जारी किए हैं। वास्‍तव में, यह लॉकडाउन-5 न होकर, देश में लॉकडाउन से बाहर आने की दिशा में पहला कदम है। इसलिए इसे Guidelines for Phased Re-opening (Unlock-1) कहा गया है। आइए, इन दिशानिर्देशों पर एक नज़र डालते हैं:-

(1).   कंटेनमेंट जोन्‍स (संरोधन क्षेत्र) से बाहर के क्षेत्रों में सभी प्रकार की गतिविधियों के लिए अनुमति दे दी गई है। लेकिन, निम्‍नलिखित गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा और इसके लिए स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय द्वारा स्‍टैंडर्ड ऑपरेटिव प्रोसिजर्स (मानक परिचालन प्रक्रियाएं) यानि एस.ओ.पी. तैयार किए जाएंगे ताकि सोशल डिस्‍टेंसिंग को बनाये रखा जा सके और कोविड-19 को फैलने से रोका जा सके। हम सभी को इन एसओपी का पालन करना होगा:

1.    पहले चरण में, 8 जून 2020 से (1) धार्मिक स्‍थानों/पूजा स्‍थलों को जनता के लिए खोल दिया जाएगा, (2) होटल, रेस्‍टोरेंट आदि, और (3) शॉपिंग मॉल खोल दिए जाएंगे। इसके लिए, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय द्वारा स्‍टैंडर्ड ऑपरेटिव प्रोसिजर्स (मानक परिचालन प्रक्रियाएं) यानि एस.ओ.पी. तैयार किए जाएंगे

2.    दूसरे चरण में, राज्‍यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के साथ परामर्श के बाद स्‍कूल, कॉलेज, शैक्षणिक/प्रशिक्षण/कोचिंग संस्‍थान खोल दिए जाएंगे। इसके लिए, राज्‍य सरकारें/केंद्र शासित क्षेत्रों के प्रशासन संस्‍थानों के स्‍तर पर अभिभावकों और अन्‍य संबंधित संस्‍थाओं/व्‍यक्तियों से परामर्श कर सकते हैं। इन परामर्श प्रक्रियाओं से निकलने वाले परिणाम के आधार पर, जुलाई 2020 में इन संस्‍थानों को दोबारा खोलने का फैसला किया जाएगा।

3.   तीसरे चरण में, स्थिति के मूल्‍यांकन करने के आधार पर, (1) यात्रियों के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई यात्रा, (2) मेट्रो रेल, (3) सिनेमा हॉल, जिम, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, बार, ऑडिटोरियम, एसेंबली हॉल एवं इस तरह के अन्‍य स्‍थान और (4) सामाजिक, राजनीतिक, स्‍पोटर्स, मनोरंजन, अकादमिक, सांस्‍कृतिक, धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति देने पर फैसला किया जाएगा।

(2).   कोविड-19 के प्रबंधन संबंधी निम्‍नलिखित राष्‍ट्रीय निदेशों का पहले की तरह पूरे देश में पालन करते रहना होगा:

1.    सार्वजनिक स्‍थानों, कार्यस्‍थलों और परिवहन (ट्रांसपोर्ट) के दौरान फेस कवर (मास्‍क आदि) पहनना होगा।

2.    सार्वजनिक स्‍थानों पर लोगों को कम से कम 6 फीट (2 गज) की दूरी बनाये रखनी होगी।

3.    बड़ी संख्‍या में लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध जारी रहेगा। लेकिन, शादी संबंधी समारोहों में अधिकतम 50 मेहमान शामिल हो सकते हैं। अंत्‍येष्टि के अवसर पर अधिकतम 20 लोग इकट्ठा हो सकते हैं।

      4.    सावर्जनिक स्‍थानों पर थूकने पर जुर्माना देना होगा।

5.    सार्वजनिक स्‍थानों पर शराब, पान, गुटका, तंबाकू आदि का उपभोग करने पर प्रतिबंध रहेगा।

      6.    जहां तक संभव होगा घर से काम करने की पद्धति अपनाई जानी चाहिए।

7.    कार्यालयों, कार्यस्‍थलों, दूकानों, बाज़ारों और औद्योगिक एवं वाणिज्यिक प्रतिष्‍ठानों में काम के घंटों में अंतर रखा जाएगा।

8.    सभी प्रवेश और निकास द्वारों तथा कॉमन एरिया में थर्मल स्‍कैनिंग, हैंड वॉश और सेनिटाइजर का इंतजाम करना होगा।

9.    संपूर्ण कार्यस्‍थलों और ऐसे स्‍थानों की बार-बार सफाई करनी होगी जहां लोग आते-जाते हैं और उनके हाथ ऐसे स्‍थानों को छूते हैं जैसे दरवाजे के हैंडल आदि।

10.   सभी कार्यस्‍थलों पर कामगारों के बीच पर्याप्‍त दूरी रखनी होगी, दो शिफ्ट और भोजनावकाश के बीच पर्याप्‍त अंतर रखना होगा।

(3).   रात्रि कर्फ्यू रात्रि 9 बजे से अगले दिन सुबह 5 बजे तक रहेगा। इस अवधि के दौरान, अनिवार्य गतिविधियां जारी रहेंगी।

(4).   लॉकडाउन 30 जून 2020 तक केवल कंटेनमेंट जोन में जारी रहेगा। कंटेनमेंट जोन की सीमारेखा स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों पर विचार करते हुए जिला प्राधिकारियों द्वारा निर्धारित की जाएगी। कंटेनमेंट जोन में केवल आवश्‍यक गतिविधियों की ही अनुमति होगी।

(5).   राज्‍य/केंद्र शासित क्षेत्र स्थिति का मूल्‍यांकन करने के बाद कंटेनमेंट जोन के बाहर किन्‍हीं गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा सकते हैं।

(6).   लोग और सामान एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य में जा सकेंगे। ऐसे आवागमनों के लिए, अलग से अनुमति/अनुमोदन/ई-परमिट की आवश्‍यकता नहीं होगी। लेकिन, यदि राज्‍य/केंद्र शासित क्षेत्र  स्थिति के मूल्‍यांकन के आधार पर लोगों के आने-जाने को विनियमित किए जाने का प्रस्‍ताव कर सकता है। किसी भी तरह की रोक के बारे में पहले से लोगों को बताना होगा।

(7).   यात्री ट्रेनों और श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनों द्वारा आवाजाही, घरेलू यात्री हवाई यात्रा, देश से बाहर फंसे भारत के लोगों की आवाजाही, विदेशी लोगों की निकासी और भारतीय नाविकों का आना-जाना पहले से जारी किए गए एसओपी के अनुसार विनियमित किया जाता रहेगा।

(8).   65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्‍चों को यह सलाह दी जाती है कि वे बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें अन्‍यथा घर पर ही रहें।

(9).   आरोग्‍य सेतु एप्‍प का इस्‍तेमाल करें।

(10).  कोई भी राज्‍य/केंद्र शासित क्षेत्र आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत जारी किए गए इन दिशानिर्देशों को कमजोर नहीं करेंगे।

(11).  इन उपायों का उल्‍लंघन करने वाले किसी भी व्‍यक्ति के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के उपबंधों और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 आदि के अनुसार दंडात्‍मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।



सुनील भुटानी

अनुवादक-लेखक-संपादक-प्रशिक्षक
ब्‍लॉग: http://rudrakshao.blogspot.com 
यूटयूब चैनल‘’रूद्राक्ष – RUDRAKSHA” (https://www.youtube.com/watch?v=TcoMNYtBjLs&t=47s
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23 मई 2020 को आयोजित अनुवाद प्रतियोगिता में अनुवाद हेतु दिए गए अनुच्‍छेदों का अनुवाद

23 मई 2020 को आयोजित अनुवाद प्रतियोगिता में अनुवाद हेतु दिए गए दो अनुच्‍छेदों (अंग्रेज़ी-हिंदी और हिंदी-अंग्रेज़ी) का अनुवाद:  


1.    अंग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद:

Strict Implementation of all measures in Government guidelines is essential to contain the spread of COVID-19. However, violations in the implementation of MHA Guidelines are being reported at various places across the country. Taking note of this the Union Ministry of Home Affairs (MHA) has written to all States/UTs and emphasised that the Ministry’s guidelines should be strictly implemented, and all authorities in States/UTs should take necessary steps to ensure the same. States and UTs are now empowered to delineate various zones and decide on the activities prohibited, or allowed with restrictions, in accordance with the MHA guidelines. The communication stresses on proper delineation of containment zones by following guidelines issued by the Ministry of Health & Family Welfare (MoHFW), and effective implementation of containment measures within these zones, which is key to preventing the spread of COVID-19.  Action must be taken if any deviations are noticed, it states. The communication mentions the importance of observing the night curfew strictly, as it would ensure social distancing, and contain the risk of spread of infection.  Accordingly, strict compliance of these orders should be ensured by the local authorities. It also reiterates that it is the duty of all District and local authorities to enforce the National Directives for COVID-19 Management and ensure that people wear face covers, ensure social distancing at work, transport and in public places, maintain hygiene and sanitation etc.

कोविड-19 के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए सरकारी दिशानिर्देशों में सभी उपायों का सख्‍ती से कार्यान्‍वयन अनिवार्य है। तथापि, देशभर में कई जगह एम.एच.ए. के दिशानिर्देशों के कार्यान्‍वयन में उल्‍लंघन देखे जा रहे हैं। इसपर ध्‍यान देते हुए, गृह मंत्रालय (एम.एच.ए.) ने सभी राज्‍यों/केंद्र शासित क्षेत्रों को लिखा है और जोर दिया है कि मंत्रालय के दिशानिर्देशों को सख्‍ती से कार्यान्वित किया जाए, और राज्‍यों/केंद्र शासित क्षेत्रों में सभी प्राधिकारियों इसे सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिएं। राज्‍य और केंद्र शासित क्षेत्रों को अब, एम.एच.ए. के दिशानिर्देशों के अनुसार, विभिन्‍न ज़ोनों के सीमा-निर्धारण और प्रतिबंधित गतिविधियों पर निर्णय करने, अथवा प्रतिबंधों के साथ अनुमति देने की शक्ति दी गई है। इस पत्र में स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय (एम.ओ.एच.एफ.डब्‍ल्‍यू.) द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हुए संरोधन क्षेत्रों के सही सीमा-निर्धारण पर, और इन ज़ोनों के भीतर संरोधन उपायों के प्रभावी कार्यान्‍वयन पर जोर दिया गया है जोकि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए महत्‍वपूर्ण है। इसमें कहा गया है कि यदि इनका उल्‍लंघन देखा जाता है तो कार्रवाई अवश्‍य होनी चाहिए। पत्र में रात्रि कर्फ्यू का पालन करने के महत्‍व के बारे में बताया गया है जिससे सामाजिक दूरी सुनिश्चित होगी और संक्रमण के फैलने का जोखिम नियंत्रित होगा। तदनुसार, इन आदेशों का सख्‍़ती से अनुपालन स्‍थानीय प्राधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। यह भी दोहराया गया है कि कोविड-19 प्रबंधन के लिए राष्‍ट्रीय निदेशों को लागू करना और यह सुनिश्‍चित करना सभी जिला और स्‍थानीय प्राधिकारियों का कर्तव्‍य है कि लोग फेस कवर पहनें, कार्यस्‍थल, परिवहन और सार्वजनिक स्‍थानों पर सामाजिक दूरी बनायें, साफ-सफाई और स्‍वच्‍छता आदि बनाये रखें।     

2.     हिंदी से अंग्रेज़ी अनुवाद:

लघु और मध्‍यम आकार के उद्यम (एस.एम.ई.), कई बार लघु और मध्‍यम उद्यम अथवा लघु तथा मध्‍यम आकार के कारोबार (एस.एम.बी.) ऐसे कारोबार होते हैं जिनके कार्मिकों की संख्‍या निश्चित संख्‍या से कम रहती है। लघु और मध्‍यम उद्यम (एस.एम.ई.) क्षेत्र पिछले पांच दशकों से भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के बहुत ही गुंजायमान तथा सक्रिय क्षेत्र के रूप में उभरा है। एस.एम.ई. न केवल बड़े उद्योगों की तुलना में कम पूंजी लागत पर बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर उपलब्‍ध करवाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं अपितु ग्रामीण क्षेत्रों के औद्योगिकीकरण में भी मदद करते हैं। एम.एम.ई. बड़े उद्योगों के लिए सहायक इकाईयों के रूप में समपूरक हैं और यह क्षेत्र देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में बहुत अधिक योगदान करता है। आज इस क्षेत्र में 36 मिलियन इकाईयां शामिल हैं जो 80 मिलियन व्‍यक्तियों को रोज़गार प्रदान कर रही है। यह क्षेत्र 6,000 से अधिक उत्‍पादों के माध्‍यम से कुल उत्‍पादन आउटपुट के 45 प्रतिशत और देशों से निर्यातों के 40 प्रतिशत के अलावा जी.डी.पी. में लगभग 8 प्रतिशत योगदान कर रहा है। एस.एम.ई. क्षेत्र में देशभर में औद्योगिक विकास को फैलाने की संभावना है और समावेशी विकास की प्रक्रिया में एक मुख्‍य भागीदार हो सकता है। एस.एम.ई. ने ज्ञान तथा प्रशिक्षण प्रदान करते हुए नए उद्यमों का सृजन करते हुए घरेलू उत्‍पादन में उच्‍च योगदान, महत्‍वपूर्ण निर्यात कमाई, कम निवेश आवश्‍यकताओं, परिचालन में लचीलापन, स्‍थान-वार गतिशीलता, कम सघन आयात, उपयुक्‍त देशी प्रौद्योगिकी का विकास करने की क्षमताओं, आयात, प्रतिस्‍थापन, रक्षा उत्‍पादन में योगदान, प्रौद्योगिकी-उन्‍मुख उद्योगों, घरेलू तथा निर्यात बाज़ारों में प्रतिस्‍पर्धा के माध्‍यम से राष्‍ट्र विकास में भी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Small and medium-sized enterprises (SMEs); sometimes also small and medium enterprises) or small and medium-sized businesses (SMBs) are businesses whose personnel numbers fall below certain limits. Indian Small and Medium Enterprises (SME) sector has emerged as a highly vibrant and dynamic sector of the Indian economy over the last five decades. SMEs not only play crucial role in providing large employment opportunities at comparatively lower capital cost than large industries but also help in industrialization of rural areas. SMEs are complementary to large industries as ancillary units and this sector contributes enormously to the socioeconomic development of the country. The sector consisting of 36 million units, as of today, provides employment to over 80 million persons. The Sector through more than 6,000 products contributes about 8% to GDP besides 45% to the total manufacturing output and 40% to the exports from the country. The SME sector has the potential to spread industrial growth across the country and can be a major partner in the process of inclusive growth. SMEs also play a significant role in Nation development through high contribution to Domestic Production, Significant Export Earning, Low Investment Requirements, Operational Flexibility, Location Wise Mobility, Low Intensive Imports, Capacities to Develop Appropriate Indigenous Technology, Import Substitution, Contribution towards Defence Production, Technology – Oriented Industries, Competitiveness in Domestic and Export Markets thereby generating new entrepreneurs by providing knowledge and training.



सुनील भुटानी
अनुवादक-लेखक-संपादक-प्रशिक्षक
ब्‍लॉग: http://rudrakshao.blogspot.com 
यूटयूब चैनल‘’रूद्राक्ष – RUDRAKSHA” (https://www.youtube.com/watch?v=TcoMNYtBjLs&t=47s
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Saturday 23 May 2020

अनुवाद प्रतियोगिता (अंग्रेज़ी-हिंदी-अंग्रेज़ी) - शनिवार, 23 मई 2020 (पूर्वाह्न 11:00 से अपराह्न 01:00 बजे तक)


अनुवाद प्रतियोगिता (अंग्रेज़ी-हिंदी-अंग्रेज़ी)
(ऑनलाइन/ईमेल द्वारा)
शनिवार, 23 मई 2020
(पूर्वाह्न 11:00 से अपराह्न 01:00 बजे तक)

''रूद्राक्ष - RUDRAKSHA’’ ब्‍लॉग (https://rudrakshao.blogspot.com/) द्वारा अपनी अनवरत् यात्रा के दौरान मील का पत्‍थर TOTAL PAGEVIEWS 50,000 पार करने के अवसर पर यह ऑनलाइन ''अनुवाद प्रतियोगिता (अंग्रेज़ी-हिंदी-अंग्रेज़ी)'' आयोजित की जा रही है। जैसाकि आप सभी जानते हैं कि इस ब्‍लॉग के माध्‍यम से प्रशिक्षु-अनुवादकों को ऑनलाइन माध्‍यम से नि:शुल्‍क प्रशिक्षित करने का निरंतर प्रयास किया जाता है। यह प्रतियोगिता प्रशिक्षु-अनुवादकों के लिए विशेष रूप से आयोजित की जा रही है। इस प्रतियोगिता के आयोजन का एकमात्र उद्देश्‍य प्रशिक्षु-अनुवादकों को स्‍वस्‍थ प्रतिस्‍पर्धा का अवसर प्रदान करना है।  

अनुवाद प्रतियोगिता के संबंध में ''रूद्राक्ष - RUDRAKSHA’’ ब्‍लॉग पर प्रकाशित पोस्‍ट दिनांक 18 मई 2020 और ''रूद्राक्ष - RUDRAKSHA’’ यूटयूब चैनल पर 19 मई 2020 को अपलोड की गई ऑडियो के संदर्भ में, अनुवाद प्रतियोगिता के अंतर्गत अनुवाद हेतु दो अनुच्‍छेद (पैराग्राफ) निम्‍नलिखित हैं:-


1.    अंग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद:


Strict Implementation of all measures in Government guidelines is essential to contain the spread of COVID-19. However, violations in the implementation of MHA Guidelines are being reported at various places across the country. Taking note of this the Union Ministry of Home Affairs (MHA) has written to all States/UTs and emphasised that the Ministry’s guidelines should be strictly implemented, and all authorities in States/UTs should take necessary steps to ensure the same. States and UTs are now empowered to delineate various zones and decide on the activities prohibited, or allowed with restrictions, in accordance with the MHA guidelines. The communication stresses on proper delineation of containment zones by following guidelines issued by the Ministry of Health & Family Welfare (MoHFW), and effective implementation of containment measures within these zones, which is key to preventing the spread of COVID-19.  Action must be taken if any deviations are noticed, it states. The communication mentions the importance of observing the night curfew strictly, as it would ensure social distancing, and contain the risk of spread of infection.  Accordingly, strict compliance of these orders should be ensured by the local authorities. It also reiterates that it is the duty of all District and local authorities to enforce the National Directives for COVID-19 Management and ensure that people wear face covers, ensure social distancing at work, transport and in public places, maintain hygiene and sanitation etc.

2.    हिंदी से अंग्रेज़ी अनुवाद:

लघु और मध्‍यम आकार के उद्यम (एस.एम.ई.), कई बार लघु और मध्‍यम उद्यम अथवा लघु तथा मध्‍यम आकार के कारोबार (एस.एम.बी.) ऐसे कारोबार होते हैं जिनके कार्मिकों की संख्‍या निश्चित संख्‍या से कम रहती है। लघु और मध्‍यम उद्यम (एस.एम.ई.) क्षेत्र पिछले पांच दशकों से भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के बहुत ही गुंजायमान तथा सक्रिय क्षेत्र के रूप में उभरा है। एस.एम.ई. न केवल बड़े उद्योगों की तुलना में कम पूंजी लागत पर बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर उपलब्‍ध करवाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं अपितु ग्रामीण क्षेत्रों के औद्योगिकीकरण में भी मदद करते हैं। एम.एम.ई. बड़े उद्योगों के लिए सहायक इकाईयों के रूप में समपूरक हैं और यह क्षेत्र देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में बहुत अधिक योगदान करता है। आज इस क्षेत्र में 36 मिलियन इकाईयां शामिल हैं जो 80 मिलियन व्‍यक्तियों को रोज़गार प्रदान कर रही है। यह क्षेत्र 6,000 से अधिक उत्‍पादों के माध्‍यम से कुल उत्‍पादन आउटपुट के 45 प्रतिशत और देशों से निर्यातों के 40 प्रतिशत के अलावा जी.डी.पी. में लगभग 8 प्रतिशत योगदान कर रहा है। एस.एम.ई. क्षेत्र में देशभर में औद्योगिक विकास को फैलाने की संभावना है और समावेशी विकास की प्रक्रिया में एक मुख्‍य भागीदार हो सकता है। एस.एम.ई. ने ज्ञान तथा प्रशिक्षण प्रदान करते हुए नए उद्यमों का सृजन करते हुए घरेलू उत्‍पादन में उच्‍च योगदान, महत्‍वपूर्ण निर्यात कमाई, कम निवेश आवश्‍यकताओं, परिचालन में लचीलापन, स्‍थान-वार गतिशीलता, कम सघन आयात, उपयुक्‍त देशी प्रौद्योगिकी का विकास करने की क्षमताओं, आयात, प्रतिस्‍थापन, रक्षा उत्‍पादन में योगदान, प्रौद्योगिकी-उन्‍मुख उद्योगों, घरेलू तथा निर्यात बाज़ारों में प्रतिस्‍पर्धा के माध्‍यम से राष्‍ट्र विकास में भी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है।  



सुनील भुटानी
अनुवादक-लेखक-संपादक-प्रशिक्षक
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Monday 18 May 2020

अनुवाद प्रतियोगिता (प्रशिक्षु-अनुवादकों के लिए) : 23 मई 2020 को पूर्वाह्न 11:00 बजे



अनुवाद प्रतियोगिता (अंग्रेज़ी-हिंदी-अंग्रेज़ी)
(ऑनलाइन/ईमेल द्वारा)

''रूद्राक्ष - RUDRAKSHA’’ ब्‍लॉग (https://rudrakshao.blogspot.com/) द्वारा अपनी अनवरत् यात्रा के दौरान मील का पत्‍थर TOTAL PAGEVIEWS 50,000 पार करने के अवसर पर एक ''ऑनलाइन अनुवाद प्रतियोगिता (अंग्रेज़ी-हिंदी-अंग्रेज़ी)'' आयोजित की जा रही है। जैसाकि आप सभी जानते हैं कि इस ब्‍लॉग के माध्‍यम से प्रशिक्षु-अनुवादकों को ऑनलाइन माध्‍यम से नि:शुल्‍क प्रशिक्षित करने का निरंतर प्रयास किया जाता है। यह प्रतियोगिता प्रशिक्षु-अनुवादकों के लिए विशेष रूप से आयोजित की जा रही है। इस प्रतियोगिता के आयोजन का एकमात्र उद्देश्‍य प्रशिक्षु-अनुवादकों को स्‍वस्‍थ प्रतिस्‍पर्धा का अवसर प्रदान करना है। 

इस अनुवाद प्रतियोगिता में भाग लेने से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्‍त करने के लिए इस ब्‍लॉग का YouTube चैनल ’'रूद्राक्ष – RUDRAKSHA” (https://www.youtube.com/watch?v=TcoMNYtBjLs&t=47s) देखते रहें।  

आयोजक एवं निवेदक:

सुनील भुटानी
अनुवादक-लेखक-संपादक-प्रशिक्षक
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PRACTICAL TRANSLATION EXERCISE (English-Hindi) – 26 (18-05-2020)



PRACTICAL TRANSLATION EXERCISE (English-Hindi) – 26 (18-05-2020)

Atmanirbhar Bharat Abhiyaan
Prime Minister announced a special economic package and gave a clarion call for Atmanirbhar Bharat. He noted that this package, taken together with earlier announcements by the government during COVID crisis and decisions taken by RBI, is to the tune of Rs 20 lakh crore, which is equivalent to almost 10% of India’s GDP. He said that the package will provide a much needed boost towards achieving ‘Atmanirbhar Bharat’.
Prime Minister observed that the package will also focus on land, labour, liquidity and laws. It will cater to various sections including cottage industry, MSMEs, labourers, middle class, industries, among others. He informed that the details of the contours of the package will be provided by the Finance Minister from tomorrow, in the coming few days.
इस ब्‍लॉग के यूटयूब चैनल ‘’रूद्राक्ष – RUDRAKSHA” (लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=TcoMNYtBjLs&t=47s) को SUBSCRIBE करेंं। 
Talking about the positive impact of reforms like JAM trinity and others, brought about in the last six years, Prime Minister said that several bold reforms are needed to make the country self-reliant, so that the impact of crisis such as COVID, can be negated in future. These reforms include supply chain reforms for agriculture, rational tax system, simple and clear laws, capable human resource and a strong financial system. These reforms will promote business, attract investment, and further strengthen Make in India.
Prime Minister remarked that self-reliance will prepare the country for tough competition in the global supply chain, and it is important that the country wins this competition. The same has been kept in mind while preparing the package. It will not only increase efficiency in various sectors but also ensure quality.
इस ब्‍लॉग के यूटयूब चैनल ‘’रूद्राक्ष – RUDRAKSHA” (लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=TcoMNYtBjLs&t=47s) को SUBSCRIBE करेंं। 

सुनील भुटानी
अनुवादक-लेखक-संपादक-प्रशिक्षक
ब्‍लॉग: http://rudrakshao.blogspot.com (बहुआयामी ज्ञान मंच)

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(1) रूद्राक्ष-RUDRAKSHA [https://www.facebook.com/groups/137624480151786/
(2) भारत सरकार के कार्यालयों में राजभाषा अधिकारियों/अनुवादकों का मंच [https://www.facebook.com/groups/343558525711840/
(3) Right to Information (RTI) - सूचना का अधिकार [https://www.facebook.com/groups/645827906135875/