23 मई 2020 को आयोजित अनुवाद प्रतियोगिता में अनुवाद हेतु दिए गए दो अनुच्छेदों (अंग्रेज़ी-हिंदी और हिंदी-अंग्रेज़ी) का अनुवाद:
1. अंग्रेज़ी से
हिंदी अनुवाद:
Strict Implementation of all measures in
Government guidelines is essential to contain the spread of COVID-19. However,
violations in the implementation of MHA Guidelines are being reported at
various places across the country. Taking note of this the Union Ministry of
Home Affairs (MHA) has written to all States/UTs and emphasised that the
Ministry’s guidelines should be strictly implemented, and all authorities in
States/UTs should take necessary steps to ensure the same. States and UTs are now
empowered to delineate various zones and decide on the activities prohibited,
or allowed with restrictions, in accordance with the MHA guidelines. The
communication stresses on proper delineation of containment zones by following
guidelines issued by the Ministry of Health & Family Welfare (MoHFW), and
effective implementation of containment measures within these zones, which is
key to preventing the spread of COVID-19. Action must be taken if any
deviations are noticed, it states. The communication mentions the importance of
observing the night curfew strictly, as it would ensure social distancing, and
contain the risk of spread of infection. Accordingly, strict compliance
of these orders should be ensured by the local authorities. It also reiterates
that it is the duty of all District and local authorities to enforce the
National Directives for COVID-19 Management and ensure that people wear face
covers, ensure social distancing at work, transport and in public places,
maintain hygiene and sanitation etc.
कोविड-19 के फैलाव को नियंत्रित करने के
लिए सरकारी दिशानिर्देशों में सभी उपायों का सख्ती से कार्यान्वयन अनिवार्य है।
तथापि, देशभर में कई जगह एम.एच.ए. के दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन
में उल्लंघन देखे जा रहे हैं। इसपर ध्यान देते हुए, गृह मंत्रालय (एम.एच.ए.) ने सभी राज्यों/केंद्र
शासित क्षेत्रों को लिखा है और जोर दिया है कि मंत्रालय के दिशानिर्देशों को सख्ती
से कार्यान्वित किया जाए, और राज्यों/केंद्र
शासित क्षेत्रों में सभी प्राधिकारियों इसे सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाने
चाहिएं। राज्य और केंद्र शासित क्षेत्रों को अब, एम.एच.ए.
के दिशानिर्देशों के अनुसार, विभिन्न ज़ोनों के
सीमा-निर्धारण और प्रतिबंधित गतिविधियों पर निर्णय करने,
अथवा प्रतिबंधों के साथ अनुमति देने की शक्ति दी गई है। इस पत्र में स्वास्थ्य
और परिवार कल्याण मंत्रालय (एम.ओ.एच.एफ.डब्ल्यू.) द्वारा जारी किए गए
दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हुए संरोधन क्षेत्रों के सही सीमा-निर्धारण पर, और इन ज़ोनों के भीतर संरोधन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया
गया है जोकि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें कहा गया है
कि यदि इनका उल्लंघन देखा जाता है तो कार्रवाई अवश्य होनी चाहिए। पत्र में
रात्रि कर्फ्यू का पालन करने के महत्व के बारे में बताया गया है जिससे सामाजिक
दूरी सुनिश्चित होगी और संक्रमण के फैलने का जोखिम नियंत्रित होगा। तदनुसार, इन आदेशों का सख़्ती से अनुपालन स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा
सुनिश्चित किया जाएगा। यह भी दोहराया गया है कि कोविड-19 प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय
निदेशों को लागू करना और यह सुनिश्चित करना सभी जिला और स्थानीय प्राधिकारियों
का कर्तव्य है कि लोग फेस कवर पहनें, कार्यस्थल, परिवहन और सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक दूरी बनायें, साफ-सफाई और स्वच्छता आदि बनाये रखें।
2. हिंदी से
अंग्रेज़ी अनुवाद:
लघु और मध्यम आकार के उद्यम (एस.एम.ई.), कई बार लघु और मध्यम उद्यम अथवा लघु तथा
मध्यम आकार के कारोबार (एस.एम.बी.) ऐसे कारोबार होते हैं जिनके कार्मिकों की संख्या
निश्चित संख्या से कम रहती है। लघु और मध्यम उद्यम (एस.एम.ई.) क्षेत्र पिछले
पांच दशकों से भारतीय अर्थव्यवस्था के बहुत ही गुंजायमान तथा सक्रिय क्षेत्र के
रूप में उभरा है। एस.एम.ई. न केवल बड़े उद्योगों की तुलना में कम पूंजी लागत पर
बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं
अपितु ग्रामीण क्षेत्रों के औद्योगिकीकरण में भी मदद करते हैं। एम.एम.ई. बड़े उद्योगों
के लिए सहायक इकाईयों के रूप में समपूरक हैं और यह क्षेत्र देश के सामाजिक-आर्थिक
विकास में बहुत अधिक योगदान करता है। आज इस क्षेत्र में 36 मिलियन इकाईयां शामिल
हैं जो 80 मिलियन व्यक्तियों को रोज़गार प्रदान कर रही है। यह क्षेत्र 6,000 से अधिक उत्पादों के माध्यम से कुल उत्पादन आउटपुट के 45 प्रतिशत
और देशों से निर्यातों के 40 प्रतिशत के अलावा जी.डी.पी. में लगभग 8 प्रतिशत
योगदान कर रहा है। एस.एम.ई. क्षेत्र में देशभर में औद्योगिक विकास को फैलाने की
संभावना है और समावेशी विकास की प्रक्रिया में एक मुख्य भागीदार हो सकता है।
एस.एम.ई. ने ज्ञान तथा प्रशिक्षण प्रदान करते हुए नए उद्यमों का सृजन करते हुए
घरेलू उत्पादन में उच्च योगदान, महत्वपूर्ण निर्यात कमाई, कम निवेश आवश्यकताओं, परिचालन में लचीलापन, स्थान-वार गतिशीलता, कम सघन आयात, उपयुक्त देशी प्रौद्योगिकी का विकास करने की क्षमताओं, आयात, प्रतिस्थापन, रक्षा
उत्पादन में योगदान, प्रौद्योगिकी-उन्मुख उद्योगों, घरेलू तथा निर्यात बाज़ारों में प्रतिस्पर्धा के माध्यम से राष्ट्र
विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Small and medium-sized
enterprises (SMEs); sometimes also small and medium enterprises) or small and
medium-sized businesses (SMBs) are businesses whose personnel numbers fall
below certain limits. Indian Small and Medium Enterprises (SME) sector has
emerged as a highly vibrant and dynamic sector of the Indian economy over the
last five decades. SMEs not only play crucial role in providing large
employment opportunities at comparatively lower capital cost than large
industries but also help in industrialization of rural areas. SMEs are complementary
to large industries as ancillary units and this sector contributes enormously
to the socioeconomic development of the country. The sector consisting of 36
million units, as of today, provides employment to over 80 million persons. The
Sector through more than 6,000 products contributes about 8% to GDP besides 45%
to the total manufacturing output and 40% to the exports from the country. The SME sector has the potential to spread industrial
growth across the country and can be a major partner in the process of inclusive
growth. SMEs also play a significant role in Nation development through high contribution
to Domestic Production, Significant Export Earning, Low Investment
Requirements, Operational Flexibility, Location Wise Mobility, Low Intensive Imports,
Capacities to Develop Appropriate Indigenous Technology, Import Substitution,
Contribution towards Defence Production, Technology – Oriented Industries,
Competitiveness in Domestic and Export Markets thereby generating new entrepreneurs
by providing knowledge and training.
सुनील भुटानी
WhatsApp Group: ‘रूद्राक्ष-RUDRAKSHA’ (No.: 9868896503)
Email ID: sunilbhutani2020@gmail.com
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