INFORMATION
TECHNOLOGY & COMPUTERS
1. India is the world’s largest sourcing
destination for the information technology (IT) industry
2. The industry employs about 10 million work
forces.
3. The IT industry has also created
significant demand in the Indian education sector, especially for engineering
and computer science.
4. The Indian IT and ITeS industry is divided
into four major segments: (i) IT
services; (ii) Business Process Management (BPM); (iii) software products and
engineering services and (iv)
hardware.
5. The IT-BPM sector which is currently
valued at US$ 143 billion is expected to grow at a Compound Annual Growth Rate
(CAGR) of 8.3 per cent year-on-year to US$ 143 billion for 2015-16.
6. The sector is expected to contribute 9.5
per cent of India’s Gross Domestic Product (GDP) and more than 45 per cent in
total services export in 2015-16.
National Digital Literacy Mission
National
Digital Literacy Mission (NDLM) Scheme has been formulated to impart IT
training to 52.5 lakh persons, including Anganwadi and ASHA workers and
authorised ration dealers in all the States/UTs across the country so that the
non-IT literate citizens are trained to become IT literate so as to enable them
to actively and effectively participate in the democratic and developmental
process and also enhance their livelihood.
Digital India
The Digital
India not only envisages giving boost to information technology but also
envisages achieving import-export balance in electronics.
The
initiative is an umbrella programme which shall include all departments and
ministries within its scope. The implementation shall be monitored and overseen
by a Digital India Advisory group.
(सुनील भुटानी)
लेखक-अनुवादक-संपादक-प्रशिक्षक
Blog: http://rudrakshao.blogspot.com (बहुआयामी ज्ञान मंच)
Email ID: sunilbhutani2020@gmail.com
Whats'app No.: 9868896503
Facebook ID: Sunil Bhutani (हिंदी हैं हम)
Facebook Groups: (1) TRANSLATORS’ WORLD (2) भारत सरकार के कार्यालयों में राजभाषा अधिकारियों/अनुवादकों का मंच (3) Right to Information (RTI) - सूचना का अधिकार
अभ्यास कार्य -6
ReplyDelete*सूचना प्रौधोगिकी एवं कंप्यूर्स(संगणक)*
1. आज भारत सूचना प्रौधोगिकी के क्षेत्र का सबसे बडा़ संग्राहक है।
2. यह क्षेत्र लगभग 10 मिलियन लोगो को रोजगार प्रदान करता है।
3. आई.टी. उत्पाद क्षेत्र की ही वजह से भारत के शिक्षा क्षेत्र में तेजी से प्रगति हुई है और इससे जुडे़ शिक्षा क्षेत्रों मुख्यतः इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में प्रशिक्षण की मांग बढी़ है।
4. भारतीय आई.टी. और आई.टीज़ का पूरा क्षेत्र ही खा़सतौर पर चार भागों में विभाजित है: (1) आई.टी [सूचना प्रौधोगिकी] सेवाएं (2) व्यावसायिक प्रक्रिया प्रबंधन(3) साॅफ्टवेयर एवं इंजीनियरिंग सेवाएं(4) हार्डवेयर ।
5. आई.टी-बी.पी.एम क्षेत्र जो कि आजकल 143 यू.एस. डाॅलर की कीमत रखता है , ऐसी उम्मीद जताई जाती है कि वर्ष 2015-16 के लिए यह 143 बिलियन यू.एस.डाॅलर पर प्रत्येक वर्ष 8.3 प्रति सेंट की चक्रवर्ती वार्षिक वृद्धि दर (सी.ए.जी.आर) से बढ़ सकता है।
6.इस क्षेत्र से यह उम्मीद है कि यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी) में 9.5 प्रति सेंट का योगदान करेगा।साथ ही वर्ष 2015-16 के लिए कुल सेवा निर्यातों में भी इस क्षेत्र का 45 प्रति सेंट से ज्यादा का योगदान रहेगा।
*राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता अभियान*
राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता अभियान (एन.डी.एल.एम), इस योजना की शुरुआत 52.5 लाख लोगो को देशभर में सूचना प्रौधोगिकी से संबंधित प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से हुई थी। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता , 'आशा' सद्स्य और सभी राज्यो व केंद्र शासित प्रदेशों के प्राधिकृत राशन विक्रेताओं को भी शामिल किया गया है। इस योजना का उद्देश्य असाक्षरों को भी आई.टी साक्षर बनाना है।ताकि वे इसके माध्यम से इस लोकतांत्रिक एवं विकासमूलक प्रक्रिया में प्रभावी तौर पर अपना योगदान दे पाए और जीवन स्तर भी सुधार पाए।
*डिजिटल भारत*
डिजिटल भारत न सिर्फ सूचना प्रौधोगिकी के क्षेत्र को प्रबल बनाने का सपना है बल्कि इसके माध्यम से तो सभी विधुतीय (आधुनिक) उपकरणों के आयात-निर्यात में संतुलन बनाने की परिकल्पना भी की गई है।
यह एक काफी विस्तृत स्कीम है ,जो सभी विभागो एवं मंत्रालयों को भी स्वयं से जोड़ती है। इस योजना को कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी और देख-रेख का कार्य डिजिटल इंडियन एडवाईज़री ग्रुप के पास है।
अभ्यास कार्य -6
ReplyDelete*सूचना प्रौधोगिकी एवं कंप्यूटर्स(संगणक)*
1. आज भारत सूचना प्रौधोगिकी के क्षेत्र का सबसे बडा़ संग्राहक है।
2. यह क्षेत्र लगभग 10 मिलियन लोगो को रोजगार प्रदान करता है।
3. आई.टी. उत्पाद क्षेत्र की ही वजह से भारत के शिक्षा क्षेत्र में तेजी से प्रगति हुई है और इससे जुडे़ शिक्षा क्षेत्रों मुख्यतः इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में प्रशिक्षण की मांग बढी़ है।
4. भारतीय आई.टी. और आई.टीज़ का पूरा क्षेत्र ही खा़सतौर पर चार भागों में विभाजित है: (1) आई.टी [सूचना प्रौधोगिकी] सेवाएं (2) व्यावसायिक प्रक्रिया प्रबंधन(3) साॅफ्टवेयर एवं इंजीनियरिंग सेवाएं(4) हार्डवेयर ।
5. आई.टी-बी.पी.एम क्षेत्र जो कि आजकल 143 यू.एस. डाॅलर की कीमत रखता है , ऐसी उम्मीद जताई जाती है कि वर्ष 2015-16 के लिए यह 143 बिलियन यू.एस.डाॅलर पर प्रत्येक वर्ष 8.3 प्रति सेंट की चक्रवर्ती वार्षिक वृद्धि दर (सी.ए.जी.आर) से बढ़ सकता है।
6.इस क्षेत्र से यह उम्मीद है कि यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी) में 9.5 प्रति सेंट का योगदान करेगा।साथ ही वर्ष 2015-16 के लिए कुल सेवा निर्यातों में भी इस क्षेत्र का 45 प्रति सेंट से ज्यादा का योगदान रहेगा।
*राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता अभियान*
राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता अभियान (एन.डी.एल.एम), इस योजना की शुरुआत 52.5 लाख लोगो को देशभर में सूचना प्रौधोगिकी से संबंधित प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से हुई थी। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता , 'आशा' सद्स्य और सभी राज्यो व केंद्र शासित प्रदेशों के प्राधिकृत राशन विक्रेताओं को भी शामिल किया गया है। इस योजना का उद्देश्य असाक्षरों को भी आई.टी साक्षर बनाना है।ताकि वे इसके माध्यम से इस लोकतांत्रिक एवं विकासमूलक प्रक्रिया में प्रभावी तौर पर अपना योगदान दे पाए और जीवन स्तर भी सुधार पाए।
*डिजिटल भारत*
डिजिटल भारत न सिर्फ सूचना प्रौधोगिकी के क्षेत्र को प्रबल बनाने का सपना है बल्कि इसके माध्यम से तो सभी विधुतीय (आधुनिक) उपकरणों के आयात-निर्यात में संतुलन बनाने की परिकल्पना भी की गई है।
यह एक काफी विस्तृत स्कीम है ,जो सभी विभागो एवं मंत्रालयों को भी स्वयं से जोड़ती है। इस योजना को कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी और देख-रेख का कार्य डिजिटल इंडियन एडवाईज़री ग्रुप के पास है।