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Sunday 22 March 2020

PRACTICAL TRANSLATION EXERCISE - 11 (22-03-2020)

PRACTICAL TRANSLATION EXERCISE - 11 (22-03-2020)


Android Operating System: Android is the operating system that powers more than one billion smart phones and tablets. Since these devices make our lives so sweet, each Android version is named after a dessert. Whether it’s getting directions or even slicing virtual fruit, each Android release makes something new possible. Google’s entry into the lucrative mobile operating system market was based on its acquisition in 2005 of Android Inc., which at that time had not released any products. Two years later Google announced the founding of the Open Handset Alliance, a consortium of dozens of technology and mobile telephone companies, including Intel Corporation, Motorola, Inc., NVIDIA Corporation, Texas Instruments Incorporated, LG Electronics, Inc., Samsung Electronics, Sprint Nextel Corporation, and T-Mobile (Deutsche Telekom).



Google Apps and Chrome: In 2006, in what many in the industry considered the opening salvo in a war with Microsoft, Google introduced Google Apps—application software hosted by Google that runs through users’ Web browsers. The first free programmes included Google Calendar (a scheduling programme), Google Talk (an instant messaging programme), and Google Page Creator (a Web-page-creation programme). In order to use these free programmes, users viewed advertisements and stored their data on Google’s equipment. This type of deployment, in which both the data and the programs are located somewhere on the Internet, is often called cloud computing. In 2008 Google released Chrome, a Web browser with an advanced JavaScript engine better suited for running programmes within the browser.


(सुनील भुटानी)

लेखक-अनुवादक-संपादक-प्रशिक्षक 
Blog: http://rudrakshao.blogspot.com (बहुआयामी ज्ञान मंच)
Email ID: sunilbhutani2020@gmail.com
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5 comments:

  1. क्या बैंक के राजभाषा अधिकारी इसकी सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं

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    1. यह ब्‍लॉग सबके लिए है। आपका हार्दिक स्‍वागत है।

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  2. एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्‍टम: एंड्रायड एक ऑपरेटिंग सिस्‍टम है जो एक करोड़ से ज्‍यादा स्‍मार्ट फोनों और टैबलेटों को शक्ति प्रदान करता है। चूंकि ये डिवाइस हमारी जिंदगियों को बहुत ही मधुर बनाते हैं, इसलिए प्रत्‍येक एंड्रायड संस्‍करण का नाम किसी मिठाई (डेजर्ट) के नाम पर रखा जाता है। यह निर्देश प्राप्‍त कर रहा हो अथवा आभासी फल को टुकड़ों में बांट रहा हो, प्रत्‍येक एंड्रायड लोकार्पण (रिलीज़) कुछ नया संभव बनाता है। गूगल का लाभदायक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्‍टम में प्रवेश इंड्रायड इंक, जिसने उस समय तक कोई उत्‍पाद लोकार्पित नहीं किया था, के 2005 में इसके अधिग्रहण पर आधारित था। दो वर्षों के बाद गूगल ने ओपन हैंडसैट एलायंस, दर्जनों प्रौद्योगिकी और मोबाइल टेलीफोन कम्‍पनियों का संघ, जिसमें इंटेल कारपोरेशन, मोटोरोला इंक, नवीदिया कारपोरेशन, टेक्‍सास इंस्‍ट्रूमेंट्स इंकार्पोरेटिड, एलजी इलै‍क्‍ट्रोनिक्‍स इंक, सेमसंग इलैक्‍ट्रोनिक्‍स, स्प्रिंट नेक्‍सटेल कारपोरेशन, और टी-मोबाइल (डाश्‍यचे टेलेकॉम) शामिल हैं, की स्‍थापना की घोषणा की थी।

    गूगल एप्‍स और क्रोम: 2006 में, उद्योग जगत में अधिकांश ने इसे माइक्रोसॉफ्ट के साथ (प्रतिस्‍पर्धात्‍मक) लड़ाई में शुरूआती धमाके के रूप में माना था, गूगल ने गूगल एप्‍स - गूगल द्वारा तैयार एप्‍लीकेशन सॉफ्टवेयर पेश किया था जो उपयोक्‍ताओं के वेब ब्राउज़रोंके माध्‍यम से चलते हैं। प्रथम नि:शुल्‍क प्रोग्रामों में गूगल केलेंडर (समय निर्धारण करने वाला प्रोग्राम), गूगल टॉक (तुरंत मेसेज करने वाला प्रोग्राम) और गूगल पेज़ क्रिएटर (वेब-पेज़ तैयार करने वाला प्रोग्राम) शामिल हैं। इन नि:शुल्‍क प्रोग्रामों का उपयोग करने के लिए, उपयोक्‍ताओं द्वारा देखे गए विज्ञापन और उनके आंकड़े गूगल उपकरण में स्‍टोर किए जाते हैं। इस तरह की तैनाती जिसमें डाटा और प्रोग्राम दोनों ही इंटरनेट पर कहीं स्थित होते हैं, इसे प्राय: कलॉउड कंप्‍यूटिंग कहते हैं। गूगल ने 2008 में क्रोम लोकार्पित किया था जोकि ब्राउज़र के अंदर प्रोग्रामों को चलाने के लिए बेहतर उपयुक्‍त उन्‍नत जावास्क्रिप्‍ट इंजन वाला वेब ब्राउज़र है।

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  3. अभ्यास -11
    *एन्ड्राईड आॅपरेटिंग सिस्टम*

    एन्ड्राईड एक ऐसा आॅपरेटिंग सिस्टम है , जो एक बिलियन से भी अधिक फोन और टेबलेट्स को संचालित करता है। चूँकि इन उपकरणों की वजह से हमारा जीवन सुगम एवं आस्वादित् हो जाता है इसीलिए प्रत्येक एन्ड्राईड का नाम भी किसी स्वादिष्ट एवं रसीले फल आदि के नाम पर ही रखा गया है।चाहे बात दिशा प्राप्त करने की हो या आभासित रूप से किसी फल को कांटने की , प्रत्येक एनड्राईड अपनी रिलीज़ के दौरान कुछ अभूतपूर्व करने का प्रयास करता है।इस लाभप्रद/लुभावनी मोबाईल आॅपरेटिंग सिस्टम् मार्केट में गूगल के आगमन का आधार भी एनड्राईड ईंक का 2005 में अभिग्रहण करना ही था।जिसने इससे पहले कोई भी उत्पाद बाज़ार में नहीं निकाला था।दो साल बाद गूगल ने एक ओपन हैंडसेट संधि की शुरुआत करी जिसमें दर्जनों तकनीकी और मोबाईल टेलीफोन कंपनियों की एक सह-व्यवस्था की गई।जिसमें ईंटेल , मोटोरोला ,ईंक,एनवीआईडीआईए(NVIDIA) काॅरपोरेशन,टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स इंकोरपोरेटेड, एल.जी. इलेक्ट्रानिक्स , स्प्रींट नेक्सटेल काॅरपोरेशन और टी-मोबाईल (ड्यूशे टेलीकाॅम) शामिल थे।

    *गूगल ऐप्स और क्रोम*

    2006 में, गूगल ने अपनी एक ऐप की शुरुआत करी --- जो एक ऐसे एप्लीकेशन साॅफ्टवेअर पर आधारित था जो उपभोक्ताओं के वेब ब्राउज़र्स से संचालित होता है।इसे इस क्षेत्र में माईक्रोसाॅफ्ट और गूगल के बीच वैचारिक युद्ध का पहला संकेत माना गया।इस ऐप में पहला मुफ्त प्रोग्राम जो दिया गया था वह मुफ्त केलैंडर की सुविध थी ( जिसमें समय नियोजन की सुविधा भी थी) , फिर गूगल टाॅक (तुरित गति से संदेश पहुंचाने वाला प्रोग्राम ) और गूगल पेज़ क्रिएटर (एक वेब पेज निर्माण संबंधी प्रोग्राम)था। इन मुफ्त प्रोग्राम सुविधाओं को प्रयोग में लाने के लिए उपभोक्ताओं को विज्ञापन देखने पड़ते और गूगल के उपकरणों के लिए निश्चत डाटा भी देना पड़ता।इस प्रकार के परीनियोजन को जिसमे डाटा और प्रोग्राम दोनों ही कहीं-न-कहीं इंटरनेट से जुडे़ रहते , इन्हें सामान्यतः *क्लाउड कंप्यूटिंग* कहा जाता।
    2008 में गूगल ने क्रोम की शुरूआत करी , एक ऐसा वेब ब्राउज़र जिसमें ऐसा जावा लिपि(स्क्रीप्ट) से सुस्ज्जित इंजन होता है जो एक ब्राउज़र के अंतर्गत ही अनेक प्रोगामों के संचालन में कुशल/कारगर था।

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    1. बहुत ही अच्‍छा प्रयास। बधाई ...

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