Net
Neutrality
Network Neutrality, Internet Neutrality or
Net neutrality is a term that was first given by media law professor of
Columbia University, Tim Wu, in the year 2003. The principle makes it necessary
for the Internet service providers and governments to treat all Internet data
as same. There will not be any charges imposed on by user, application, type of
enclosure, content, website, etc. It is the best way for all to enjoy the
usefulness of internet without any charges. It is a feature of net neutrality
to allow different websites to exist side-by-side without affecting others. At
the same time and same speed, all the websites are accessible for users. Net
neutrality will support competitive market place by providing a chance to each
firm irrespective of its size. Net Neutrality has enabled Google, Facebook and
Zomato to reach various places around the globe. Until now, India has had no
laws to govern the net neutrality. Although Telecom Regulatory Authority of
India (TRAI) has released rules for unified access service license to encourage
net neutrality, they do not execute them.
(सुनील भुटानी)
लेखक-अनुवादक-संपादक-प्रशिक्षक
Blog: http://rudrakshao.blogspot.com (बहुआयामी ज्ञान मंच)
Email ID: sunilbhutani2020@gmail.com
Whats'app No.: 9868896503
Facebook ID: Sunil Bhutani (हिंदी हैं हम)
Facebook Groups: (1) TRANSLATORS’ WORLD (2) भारत सरकार के कार्यालयों में राजभाषा अधिकारियों/अनुवादकों का मंच (3) Right to Information (RTI) - सूचना का अधिकार
नेट निष्पक्षता
ReplyDeleteनेटवर्क निष्पक्षता, इंटरनेट निष्पक्षता अथवा नेट निष्पक्षता एक शब्द है जो पहली बार वर्ष 2003 में कोलम्बिया यूनिवर्सिटी, टिम वू के मीडिया कानून प्रोफेसर द्वारा दिया गया था। यह सिद्धांत इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और सरकारों के लिए सभी इंटरनेट डाटा को एकसमान समझना जरूरी बनाता है। उपयोक्ता, एप्लीकेशन, संलग्न के प्रकार, विषयवस्तु, वेबसाइट आदि पर कोई प्रभार अधिरोपित नहीं किए जाएंगे। यह सभी लोगों के लिए बिना किन्हीं प्रभारों के इंटरनेट की उपयोगिता का आनंद लेने का उत्तम तरीका है। यह नेट निष्पक्षता की विशेषता है जो विभिन्न वेबसाइटों को अन्यों को प्रभावित किए बिना साथ-साथ मौजूदगी की अनुमति देती है। समान समय तथा समान गति पर सभी वेबसाइट उपयोक्ताओं की पहुँच में होती हैं। नेट निष्पक्षता प्रत्येक कंपनी को उसके आकार की ओर ध्यान दिए बिना मौका प्रदान करते हुए प्रतिस्पर्धी बाज़ार को सहयोग प्रदान करेगी। नेट निष्पक्षता ने गूगल, फेसबुक और जोमाटो को विश्वभर में विभिन्न स्थलों तक पहुंचाने में समर्थ बनाया है। अभी तक भारत में नेट निष्पक्षता को शासित करने के लिए कोई कानून नहीं है। हालांकि भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राइ) ने नेट निष्पक्षता को प्रोत्साहित करने के लिए एकीकृत पहुँच सेवा लाइसेंस हेतु नियम जारी किए थे, परंतु उन्हें लागू नहीं किया जा सका था।