ENGLISH VERSION:
There are mainly four forms of child abuse:
1. Physical abuse is inflicting physical injury upon a child. This may include hitting, slapping, shaking, pinching, kicking, beating or otherwise harming the child. Remember, not every physical abuse leaves a mark of an injury on the body.
2. Sexual abuse occurs when a person involves the child in sexual activities for his/her sexual gratification and/or commercial gain. Using children for pornography purposes is also a form of sexual abuse.
3. Emotional abuse includes acts or the failure to act by parents, caretakers, peers and others that causes or can cause serious behavioural, emotional or mental distress/trauma. It includes verbal and mental abuse. Emotional abuse may also include extreme or bizarre acts of punishment. Sexually or physically abused children are usually emotionally abused as well.
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4. Child neglect is acts or the failure to act that leads to the denial of a child's basic needs. Neglect can be physical, educational, emotional or psychological. For example, physical neglect entails denial of food, clothing, appropriate medical care or supervision. It may include abandonment.
Remember, many other behaviours could also be abusive despite the intent of the giver. The child has the right to deny any touch regardless of the intent.
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TRANSLATED HINDI VERSION:
मुख्यत: बाल शोषण के
चार रूप हैं:
2. यौन शोषण तब होता है
जब कोई व्यक्ति बच्चे को अपने यौन सुख और/या वाणिज्यिक लाभ के लिए यौन गतिविधियों
में शामिल करता है। अश्लील साहित्य (पोर्नोग्राफी) उद्देश्यों के लिए बच्चों का
इस्तेमाल करना भी यौन शोषण का ही एक रूप है।
3. भावनात्मक शोषण में
माता-पिता, देखभाल करने वाले, हमउम्र
और अन्य द्वारा किए गए कृत्य और करने में विफल रहे कृत्य शामिल हैं जिनसे गंभीर
व्यवहारात्मक, भावनात्मक या मानसिक तनाव/सदमा पहुंचता है या
पहुंच सकता है। इसमें मौखिक और मानसिक शोषण शामिल है। भावनात्मक शोषण में मौखिक और
मानसिक शोषण शामिल है। भावनात्मक शोषण में सजा देने के क्रूर और अजीब कृत्य भी शामिल
हो सकते हैं। यौन-संबंधी या शारीरिक रूप से शोषित बच्चे प्राय: भावनात्मक रूप से
शोषित भी होते हैं।
4. बच्चे की उपेक्षा करना
ऐसा कृत्य या करने में विफल रहा कृत्य होता है जिसमें बच्चे की बुनियादी जरूरतों
को पूरा करने से इंकार किया जाता है। यह उपेक्षा शारीरिक, शैक्षणिक, भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक हो सकती है। उदाहरण
के लिए, शारीरिक उपेक्षा में भोजन, कपड़े, उचित चिकित्सा देखभाल या देखरेख से इंकार करना शामिल है। इसमें बिल्कुल
छोड़ देना (परित्याग) भी शामिल है।
याद रहे कि कई अन्य व्यवहार भी अनुचित हो सकते हैं भले ही
ऐसा करने वाले की मंशा कुछ भी हो। बच्चे को यह अधिकार है कि वह किसी भी प्रकार के
स्पर्श किए जाने से इंकार कर सकता है भले ही स्पर्श करने वाले की मंशा कुछ भी हो।
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(सुनील भुटानी)
अनुवादक-लेखक-संपादक-प्रशिक्षक
Blog: http://rudrakshao.blogspot.com (बहुआयामी ज्ञान मंच)
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