Translate

Sunday 26 April 2020

दिल एक मंदिर (लघु कहानी - 01)


दिल एक मंदिर (लघु कहानी - 01)

रुद्राक्ष ने अपने हृदय में भी एक मंदिर बना रखा था। वह जब भी घर पर मंदिर में पूजा करता था तब मंदिर में आरती करते-करते आख़िर में अपने हृदय-मंदिर की ओर भी आरती करता था। एक बार वह घर से दूर किसी गाँव में ड्यूटी पर गया। रुद्राक्ष का मन किया कि गाँव के मंदिर में पूजा-आरती की जाए। रुद्राक्ष ने आदत के अनुसार भगवान जी की पूजा-आरती करने के बाद अपने हृदय-मंदिर में आरती पूरी की ही थी कि मंदिर में मौजूद भीड़ ने रुद्राक्ष को खुद को भगवान मानकर अपनी पूजा करने की सज़ा देते हुए 'अधर्मी-पापी-अहंकारी' को पीट-पीट कर मार डाला। भगवान जी वही जो मंदिर में साजे।

(लघु कथा लेखन का प्रथम 'दुस्साहस')

© सुनील भुटानी
अनुवादक-लेखक-संपादक-प्रशिक्षक
Blog: http://rudrakshao.blogspot.com
यूटयूब चैनल: ‘’रूद्राक्ष – RUDRAKSHA” (https://www.youtube.com/watch?v=TcoMNYtBjLs&t=47s
Email ID: sunilbhutani2020@gmail.com
Whats'app No.: 9868896503
Facebook ID: Sunil Bhutani (हिंदी हैं हम) (https://www.facebook.com/hindihain.hum.1)
Facebook Groups: (1) TRANSLATORS’ WORLD [https://www.facebook.com/groups/137624480151786/] (2) भारत सरकार के कार्यालयों में राजभाषा अधिकारियों/अनुवादकों का मंच [https://www.facebook.com/groups/343558525711840/] (3) Right to Information (RTI) - सूचना का अधिकार [https://www.facebook.com/groups/645827906135875/

No comments:

Post a Comment