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Saturday 5 November 2016

बेहतरीन और शीघ्र अनुवाद कैसे करें ....








बेहतरीन और शीघ्र अनुवाद कैसे करें ....


1.      अनुवाद की जाने वाली सामग्री को जरूरत के अनुसार एक-दो-तीन या इससे अधिक बार पढ़ें।

2.    पढ़ने के दौरान ऐसे शब्‍दों को पेंसिल से चिह्नित (मार्क)/रेखांकित (अंडर-लाइन) करते जाएं जिनके उपयुक्‍त/प्रासंगिक अर्थ आपको मालूम नहीं हैं और डिक्‍शनरी से देखे जाने हैं।

3.   पेंसिल से चिह्नित (मार्क)/रेखांकित (अंडर-लाइन) किए गए शब्‍दों के उपयुक्‍त अनूदित शब्‍द डिक्‍शनरी से लेकर उसी अनुवाद की जाने वाली सामग्री पर पेंसिल से लिख सकते हैं अथवा एक अन्‍य पृष्‍ठ/डायरी आदि में नोट कर सकते हैं। डायरी आदि में नोट करते  रहने से विषय विशेष से संबंधित शब्‍दों का संग्रह भविष्‍य में उपयोग के लिए तैयार किया जा सकता है।

4.      अनुवाद करते समय कुछ शब्‍दों विशेष के सही अनुवाद से ही अनुवाद अच्‍छा और बहुत अच्‍छा बनता है।

5.      इसी तरह, अनुवाद करते समय वाक्‍य की सही प्रकार से संरचना अनूदित पाठ को अच्‍छा और बहुत अच्‍छा बनाती है।

6.      अनुवाद करते समय स्रोत भाषा के उन शब्‍दों को ज्‍यों का त्‍यों लक्ष्‍य भाषा में इस्‍तेमाल किया जाना चाहिए जो सामान्‍यजन में बेहद प्रचलित हों, जैसे – कंप्‍यूटर, माउस, मोबाइल, लैपटाप, कीबोर्ड, इंटरनेट, सोशल मीडिया आदि।

7.      अनुवाद करते समय इस बात का अवश्‍य ध्‍यान रखा जाना चाहिए कि अनुवाद की जाने वाली सामग्री का उपयोक्‍ता कौन है। यदि किसी सामग्री का अनुवाद सामान्‍यजन को कोई जानकारी देने के लिए किया जा रहा हो तो अनुवाद की भाषा/वाक्‍य संरचना अख़बारी भाषा/वाक्‍य संरचना के अनुरूप हो सकती है।

8.    इसी तरह, यदि किसी साहित्‍य का अनुवाद किया जा रहा है तो अनुवाद प्रक्रिया के दौरान साहित्यिक शब्‍दों, शैली और भावों आदि का इस्‍तेमाल किया जाना चाहिए।

9.      इसके साथ ही, प्रशासनिक/तकनीकी सामग्री के अनुवाद में उन्‍हीं शब्‍दों का प्रयोग किया जाना चाहिए जो संबंधित विषय की आधिकारिक शब्‍दावली (जोकि मुख्‍य रूप से  तकनीकी एवं पारिभाषि‍क शब्‍दावली आयोग, नई दिल्‍ली द्वारा तैयार की गई हो) का ही इस्‍तेमाल किया जाना चाहिए। कहीं-कहीं आपको ऐसा लग सकता है कि इन शब्‍दावलियों से लिए गए कुछ शब्‍द कठिन/क्लिष्‍ट हैं और अनुदित सामग्री का उपयोक्‍ता उसे समझ नहीं पाएगा। वास्‍तव में ऐसा नहीं होता है। क्षेत्र विशेष में कार्य करने वाले व्‍यक्तियों को अपने कार्यक्षेत्र में इस्‍तेमाल की जाने वाली भाषा/शब्‍दों का पर्याप्‍त ज्ञान होता है, लेकिन अगर कुछ व्‍यक्तियों के मामले में ऐसा नहीं होता है तो उन्‍हें अपना ज्ञानवर्धन करना होगा।

10. यदि अनूदित सामग्री की संबद्ध कार्यक्षेत्र विशेष के विशेषज्ञों से जांच करवाई जा सके तो सोने पर सुहागा जैसी स्थिति हो जाएगी।


© सुनील भुटानी

4 comments:

  1. धन्यवाद सर की अपने हमे कुछ ऐसी बिंदू से परिचत कराया जिसके बारे मे हमे सही से पता नही था।

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  2. ज्ञानोपयोगी लेख...बहुत धन्यवाद सर

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  3. सर अग्रेंजी और हिंदी की वाक्य संरचना अलग होती है। अग्रेंजी में जो बात एक वाक्य में आ जाती है, उसी को हिंदी वाक्य संरचना में डालना कई बार मुश्किल लगता है तो मेरा एक सवाल यह है कि क्या मैं वाक्य को सुबोध बनाने के लिए उसको दो वाक्यों में तोड सकता हूँ? और इसी से सम्बंधित एक प्रश्न यह है कि अग्रेंजी में तो लम्बे वाक्यों का प्रचलन है क्योंकि काॅमा का इस्तेमाल किया जाता है और हिंदी में भी इसका उपयोग करके काम चला लिया जाता है मगर क्या यह सही है? मैं व्यक्तिगत तौर पर जब अनुवाद करता हूँ तो मेरा प्रयास रहता है कि मैं काँमा-प्रकरण से जितना हो बचूँ चाहें वाक्य को तोड़ना पडें जो मूल के अनुरूप न भी हो इसलिए सर कृपया यह बताइए कि मेरा यह तरीका क्या सही है अगर भाव बचा रहें।

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  4. THANK YOU SIR FOR GIVING THE BASIC CONCEPT AND KNOWLEDGE HOW TO TRANSLATE THE MATTER ...ITS A FIRST STEP FOR THE GOOD TRANSLATOR .....

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