पचास वर्ष पहले 5 जून 1972 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस, 'केवल एक पृथ्वी' थीम के साथ मनाया गया था। पचास साल बाद 2022 में, एक बार फिर दुनियाभर के लोग इसी थीम के साथ यह दिवस मना रहे हैं। यह हमें याद दिलाता है कि केवल एक पृथ्वी है, और हमें प्राथमिकता तथा तात्कालिकता के साथ इसके सीमित संसाधनों की रक्षा करनी चाहिए, भारत में हाल के वर्षों में, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों ने भारत सरकार के सभी नीतिगत उपायों में तेजी से प्रमुख स्थान प्राप्त किया है। इसके लिए लागू किए जा रहे कार्यक्रमों में स्वच्छ भारत मिशन, एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध, जलवायु परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना, कैच द रेन अभियान, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम, हरित कौशल विकास कार्यक्रम और नमामि गंगे शामिल हैं। इस वर्ष की शुरुआत में, ग्लासगो में सीओपी-26 शिखर सम्मेलन के दौरान, माननीय प्रधानमंत्री ने 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की भी घोषणा की। भारत सरकार ने विशेष रूप से जल क्षेत्र पर गहराई से विचार करते हुए, जल सुरक्षित भविष्य प्राप्त करने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं। 2019 में एक ही मंत्रालय के तत्वावधान में सभी जल संबंधी पहल, विभागों और योजनाओं को लाने के लिए जल शक्ति मंत्राल त्र्य का गठन किया गया था। विभिन्न योजनाएं और नीतियां जो पहले अन्य मंत्रालयों जैसे आवास तथा शहरी मामलों के मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत चल रही थीं, उन सभी को जल शक्ति मंत्रालय के तहत लाया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किए जा रहे सभी कार्य योजनाबद्ध रूप से या एक साथ काम कर रहे हैं। जल जीवन मिशन, अटल भूजल, जल शक्ति अभियान, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), कैच द रेन अभियान कुछ ऐसी योजनाओं के उदाहरण हैं जो जल संरक्षण के लिए अभूतपूर्व कार्य कर रही हैं। (शब्दों की सं. 308)
- Sunil Bhutani 'Rudraksha'
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