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Sunday, 28 May 2023

Translation (Hindi-English) Exercise – 67

वर्ष 2022 एक बहुत ही खास वर्ष है, जब भारतीय नागरिक देश की आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव और अपने लोगों, संस्कृति तथा उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का जश्न मना रहे हैं भारत एक वैश्विक शक्ति बनने की राह पर तेजी से अग्रसर है, हमारे प्रयासों में हमारे लोगों और सामान्य रूप से दुनिया दोनों के लिए जबरदस्त संभावनाएं हैं हम जिस प्रकार का नया भारत और विश्व व्यवस्था बनाना चाहते हैं यह हमें उसकी कल्पना करने का अवसर और अधिकार दोनों प्रदान करता है अवसंरचना, भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने वाला एक प्रमुख वाहक है किसी राष्ट्र की अवसंरचना की गुणवत्ता उसकी आर्थिक जीवन शक्ति का एक महत्वपूर्ण सूचकांक है विश्वसनीय परिवहन, स्वच्छ पानी और कचरा प्रबंधन की समुचित व्यवस्था किसी सभ्य समाज और उत्पादक अर्थव्यवस्था के मूल तत्व हैं भारत की अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी है तथा यह और बड़ी हो रही है कुछ अनुमान बताते हैं कि भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. सतत आर्थिक विकास के लिए अवसंरचना का महत्व स्वीकृत तथ्य है परिवहन, बिजली और संचार को कवर करने वाली भौतिक आधारभूत संरचना, अपने पश्चगामी और अग्रगामी संयोजन के माध्यम से विकास की सुविधा प्रदान करती है, जो जीवन की गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव डालती हैइसमें जल आपूर्ति, स्वच्छता, सीवेज निपटान, शिक्षा और स्वास्थ्य सहित सामाजिक आधारभूत संरचना शामिल है अवसंरचना का निष्पादन काफी हद तक अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का प्रतिबिंब है मई 2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में तेजी से मंजूरी और विवाद समाधान, अटकी परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण और कंपनियों के लिए आसान निकास शामिल हैं सरकार द्वारा सड़क क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति के साथ, कई विदेशी कंपनियों ने इस क्षेत्र के विकास के लिए भारतीय निर्माताओं के साथ भागीदारी की है (शब्‍दों की सं. 307)


- Sunil Bhutani 'Rudraksha'

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Translation (English-Hindi) Exercise – 66

 The progress of a society depends on the harmonious living of the members of the society. When people follow moral principles, they care for one another and create a loving, peaceful and progressive society. These moral principles clearly distinguish right and wrong, proper and improper, or good and bad behaviour. Mahatma Gandhi once said, "Morality is the basis of things, and the truth is the substance of all morality". No society can stand together without morality, and no morality can stand for long unless it stands on truth. Morality represents a body of standards or principles derived from a code of conduct prescribed by a particular philosophy, religion, or culture. It also means a standard that a person believes should be universal. However, morality is not static but evolves with time and place. Some people find it difficult to change with time, and they stick to the old standards of morality imbibed by them from their ancestors. Such moral values can be called customary morality, which comes from the old customs, traditions, and religion of the society, state or nation. Customary morality flows from ancient culture and traditions. For example, ancient Indians followed the professions based on their caste and married within their castes. Women's roles were limited to taking care of the family and being a homemaker. They were often confined to their homes and covered their faces whenever they had to go out. Such traditions may appear to be oppressive to modern women. The American author Letty Cottin Pogrebin wisely depictured this condition of women in a traditional society, "When men are oppressed, it's a tragedy. When women are oppressed, it's tradition." Marriage is considered sacred and irrevocable in traditional Hindu Society, while divorce finds no mention in any scripture. (No. of words 292)


- Sunil Bhutani 'Rudraksha'

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Saturday, 13 May 2023

Translation (Hindi-English) Exercise – 65

पुरातन काल से ही भाषा प्रभावी संचार का एक अनिवार्य घटक रही है। इस तरह से भारत अनेकानेक भाषाओं और बोलियों से समृद्ध रहा है और यह बात जहां एक ओर संचार को चुनौतीपूर्ण बनाती है, वहीं दूसरी ओर व्यापक शब्दावली और उपयोग के चलते उसे संपन्न भी बनाती है। भाषाओं की व्यापक विविधता के कारण हर व्यक्ति अथवा हर उद्देश्य के लिए उपयुक्त वाला सिद्धांत यहां फिट नहीं बैठता। एक भाषा की संचार रणनीतियां दूसरी भाषा से भिन्न होती हैं। उनमें भूगोल और एक भाषा विशेष को बोलने वाले लोगों की संख्या की दृष्टि से भिन्नता होती है। ज्यादा दूर क्यों जाएं? जम्मू और कश्मीर के भीतर, प्रमुख रूप से बोली और लिखी जाने वाली चार भाषाएं हैं जम्मू में डोगरी, हिंदी और अंग्रेजी, जबकि कश्मीर में कश्मीरी, उर्दू और अंग्रेजी। हालांकि भौगोलिक दृष्टि से यह इलाका पहाड़ी है और सर्दियों के मौसम में बर्फ के कारण इसके ऊंचाई वाले क्षेत्रों का संपर्क अधिकांशतः कटा रहता है। इसके बावजूद पिछली जनगणना रिपोर्टों के अनुसार, डोगरी बोलने वालों की संख्या कश्मीरी बोलने वाले लोगों की संख्या से आधी से भी कम है। यद्यपि ये आंकड़े किसी संचारक के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन इन दोनों भाषाओं की विविधता शब्द भंडार और उनके उपयोग में बहुत कुछ जोड़ती है। हालांकि प्रौद्योगिकी के संबंध में हमने देखा कि पिछले दो वर्षों के दौरान प्रौद्योगिकी आधारित संचार उपकरणों की सहायता से अनेक बाधाओं को दूर किया गया है। कोविड या नो-कोविड, लोगों ने संचार चैनलों को खुला रखने के लिए अपने जीवन में प्रौद्योगिकी को स्वीकार किया है। क्लासरूम की पढ़ाई, समूह बैठकों, नुक्कड़ नाटकों तथा व्यक्तिगत भागीदारी की आवश्यकता वाली अनेक गतिविधियों ने ऑनलाइन माध्यम का रुख कर लिया है। गतिविधियां बदस्तूर जारी रहीं, फिर भी विशेषज्ञों के दृष्टिकोण में संचार की प्रभावकारिता में कमी आई। ऐसी परिस्थितियों में, विज्ञान संचार और लोकप्रचार भी अपवाद नहीं रहा। (शब्‍दों की सं. 306)

- Sunil Bhutani 'Rudraksha'

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Translation (English-Hindi) Exercise – 64

How do you feel when you go to your office and find the traffic halted because some VIP or minister passes through the same road? How do you feel when you visit your senior civil servant cousin and find him living in a big bungalow with beaconed cars and a posse of orderlies? What do you think when you see a senior police officer escorted by a host of police officers when travelling on the road; or prominent business people living in their palatial bungalows with personal jets, fleets of cars and dozens of servants? We often get impressed with the privileges enjoyed by ministers, civil servants and top honchos of firms. Naturally, we wish to occupy those positions and want those privileges. However, have we ever realized that such great benefits are associated with enormous responsibilities that have to be carried out by the so-called 'privileged classes'? It is essential to understand that there is no such thing as a free lunch in the world. You have to pay the price for everything that you get in this world. When you get a privilege, it always comes with responsibility which comes with the position. Mwai Kibaki, the former president of Kenya, rightly explained, "Leadership is a privilege to better the lives of others. It is not an opportunity to satisfy personal greed." However, most people focus only on enjoyable positions and privileges and shun the responsibilities that come with such power and position. Privilege means a special right, advantage, or immunity granted or available only to a particular person or group. We get many privileges due to our birth itself. For example, when we are born into a family of rich, intelligent, and caring parents, we are already privileged as we do not have to face the hardship of millions of children worldwide. (No. of words 304)

- Sunil Bhutani 'Rudraksha'

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Sunday, 7 May 2023

Translation (Hindi-English) Exercise – 63

पचास वर्ष पहले 5 जून 1972 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस, 'केवल एक पृथ्वी' थीम के साथ मनाया गया था। पचास साल बाद 2022 में, एक बार फिर दुनियाभर के लोग इसी थीम के साथ यह दिवस मना रहे हैं। यह हमें याद दिलाता है कि केवल एक पृथ्वी है, और हमें प्राथमिकता तथा तात्कालिकता के साथ इसके सीमित संसाधनों की रक्षा करनी चाहिए, भारत में हाल के वर्षों में, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों ने भारत सरकार के सभी नीतिगत उपायों में तेजी से प्रमुख स्थान प्राप्त किया है। इसके लिए लागू किए जा रहे कार्यक्रमों में स्वच्छ भारत मिशन, एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध, जलवायु परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना, कैच द रेन अभियान, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम, हरित कौशल विकास कार्यक्रम और नमामि गंगे शामिल हैं। इस वर्ष की शुरुआत में, ग्लासगो में सीओपी-26 शिखर सम्मेलन के दौरान, माननीय प्रधानमंत्री ने 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की भी घोषणा की। भारत सरकार ने विशेष रूप से जल क्षेत्र पर गहराई से विचार करते हुए, जल सुरक्षित भविष्य प्राप्त करने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं। 2019 में एक ही मंत्रालय के तत्वावधान में सभी जल संबंधी पहल, विभागों और योजनाओं को लाने के लिए जल शक्ति मंत्राल त्र्य का गठन किया गया था। विभिन्न योजनाएं और नीतियां जो पहले अन्य मंत्रालयों जैसे आवास तथा शहरी मामलों के मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत चल रही थीं, उन सभी को जल शक्ति मंत्रालय के तहत लाया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किए जा रहे सभी कार्य योजनाबद्ध रूप से या एक साथ काम कर रहे हैं। जल जीवन मिशन, अटल भूजल, जल शक्ति अभियान, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), कैच द रेन अभियान कुछ ऐसी योजनाओं के उदाहरण हैं जो जल संरक्षण के लिए अभूतपूर्व कार्य कर रही हैं। (शब्‍दों की सं. 308) 

- Sunil Bhutani 'Rudraksha'

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Translation (English-Hindi) Exercise – 62

The American philosopher and author Ralph Waldo Emerson ones said, The purpose of life is not to be happy. It is to be useful, to be honourable, to be compassionate, and to have it make some difference that you have lived and lived well." While we appreciate such words of wisdom, weedy understand the true meaning of such words since we rarely try to follow them in our lives. How many of us ever try to find purpose in our life? How many of us ever try to be helpful to the world and work hard to make the world better? How many of us would be willing to suffer for the millions of people in our world and lead a life with a purpose? Most of us prefer to live a good life ourselves, ignoring our duties and responsibilities for the world. A good life for us means a life of comfort and luxury with few problems or worries. It means having lots of money, a big house, expensive cars and modern gadgets. To achieve such a life, we work hard and even sacrifice our ideals, principles and relationships. Unfortunately, most people remain unhappy because they never achieve the desired success. A few lucky ones who become successful also fail to live well due to failing health, broken relationships, and an often guilty conscience. What is then the secret to a good life? "The good life is a process, not a state of being. It is a direction, not a destination," said American psychologist Carl Rogers. If we wish to be happy, we must move in the right direction and follow the correct principles. We have to earn a good life by first making the world suitable. It means that we must try to make a difference in the world by contributing to the betterment of society using all our abilities. (No. of words 312)


- Sunil Bhutani 'Rudraksha'

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