वर्ष 2022 एक बहुत ही खास वर्ष है, जब भारतीय नागरिक देश की आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव और अपने लोगों, संस्कृति तथा उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का जश्न मना रहे हैं। भारत एक वैश्विक शक्ति बनने की राह पर तेजी से अग्रसर है, हमारे प्रयासों में हमारे लोगों और सामान्य रूप से दुनिया दोनों के लिए जबरदस्त संभावनाएं हैं। हम जिस प्रकार का नया भारत और विश्व व्यवस्था बनाना चाहते हैं यह हमें उसकी कल्पना करने का अवसर और अधिकार दोनों प्रदान करता है। अवसंरचना, भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने वाला एक प्रमुख वाहक है। किसी राष्ट्र की अवसंरचना की गुणवत्ता उसकी आर्थिक जीवन शक्ति का एक महत्वपूर्ण सूचकांक है। विश्वसनीय परिवहन, स्वच्छ पानी और कचरा प्रबंधन की समुचित व्यवस्था किसी सभ्य समाज और उत्पादक अर्थव्यवस्था के मूल तत्व हैं। भारत की अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी है तथा यह और बड़ी हो रही है। कुछ अनुमान बताते हैं कि भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. सतत आर्थिक विकास के लिए अवसंरचना का महत्व स्वीकृत तथ्य है। परिवहन, बिजली और संचार को कवर करने वाली भौतिक आधारभूत संरचना, अपने पश्चगामी और अग्रगामी संयोजन के माध्यम से विकास की सुविधा प्रदान करती है, जो जीवन की गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव डालती है। इसमें जल आपूर्ति, स्वच्छता, सीवेज निपटान, शिक्षा और स्वास्थ्य सहित सामाजिक आधारभूत संरचना शामिल है। अवसंरचना का निष्पादन काफी हद तक अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का प्रतिबिंब है। मई 2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में तेजी से मंजूरी और विवाद समाधान, अटकी परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण और कंपनियों के लिए आसान निकास शामिल हैं। सरकार द्वारा सड़क क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति के साथ, कई विदेशी कंपनियों ने इस क्षेत्र के विकास के लिए भारतीय निर्माताओं के साथ भागीदारी की है। (शब्दों की सं. 307)
- Sunil Bhutani 'Rudraksha'
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