अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस – 2020
यदि हम अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस को भारतीय परिप्रेक्ष्य में देखें तो पाएंगे कि भाषायी दृष्टि से भारत स्वयं में ही एक संपूर्ण विश्व है। भारत में अनेकानेक भाषाएँ और बोलियां बोली जाती हैं। भारत के विभिन्न भाषाओं के बोलने वाले लोगों को आपस में जोड़ने का कार्य अनुवादक और भाषांतरकार कर रहे हैं। विश्व व्यापार के क्षेत्र में भारत अग्रणी देशों में शुमार है। भारत की कंपनियां विश्व की अनेक कंपनियों के साथ व्यापार कर देश के विदेशी मुद्रा भंडार को भरने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। भारतीय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अनुवाद और भाषांतरण का सबसे अधिक सहारा लिया है। आज देश-विदेश की बड़ी कंपनियां अपने ग्राहकों की भाषा में अपने उत्पाद बेचकर मुनाफ़ा कमा रही हैं। व्यापारियों की भाषा होती है पैसा, उन्हें जिस भाषा के माध्यम से ज्यादा मुनाफ़ा होगा वे उसी भाषा में व्यापार करेंगे। यही कारण है कि आज मीडिया के सभी माध्यमों पर हिंदी एवं भारतीय भाषाओं के विज्ञापनों की भरमार है। अत: यदि अनुवादकों और भाषांतरकारों को भारतीय अर्थव्यवस्था की संपन्नता के रथ का सारथी कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। भारत में राजनीतिक, प्रशासनिक, आर्थिक, शैक्षणिक, साहित्यिक, बौद्धिक, सामाजिक, रोज़गार आदि क्षेत्रों की व्यवस्था का प्रबंधन अनुवादकों एवं भाषांतरकारों के योगदान से ही संभव हो रहा है।
इस तरह जब भारत सहित विश्व के सर्वांगीण विकास में
अनुवादकों और भाषांतरकारों की भूमिका सिद्ध हो चुकी है तो कुशल अनुवादकों एवं
भाषांतरकारों के निर्माण और उनके कल्याण के लिए निम्नलिखित कदम उठाये जाने की
आवश्यकता है:-
1. शैक्षणिक संस्थानों द्वारा अनुवाद एवं
भाषांतरण के पाठ्यक्रम व्यवहारपरक और भारत सहित विश्व बाज़ार की जरूरतों को ध्यान
में रखते हुए तैयार किए जाने चाहिएं। इसके साथ ही, इन
पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को इंटर्नशिप करवाई जानी चाहिए और तकनीकी ज्ञान दिया
जाना चाहिए।
2. भारत सहित विश्व के अनुवादकों एवं
भाषांतरकारों का राष्ट्रीय/वैश्विक रजिस्टर बनाया जाना चाहिए ताकि सेवा-प्राप्तकर्ताओं और सेवा-प्रदाताओं के बीच सीधे संपर्क स्थापित किया जा
सके।
3. भाषा एवं अनुवाद-सेवी संस्थाओं की स्वायत्ता
को बनाये रखते हुए उनका परिसंघ बनाये जाने की आवश्यकता है ताकि अत्यंत महत्वपूर्ण
मामलों में सर्वसम्मति बनाई जा सके।
4. शिक्षण-प्रशिक्षण सामग्री और प्रतियोगी
परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों के उत्कृष्ट सुनिश्चित किए जाने चाहिएं ताकि
विद्यार्थी और रोज़गार की दौड़ में शामिल अभ्यर्थी दोनों अपनी-अपनी पसंद की
भाषाओं के माध्यम से शिक्षा और रोज़गार प्राप्त कर सकें।
5. अनुवाद एवं भाषांतरण और अनुवादकों एवं भाषांतरकारों से जुड़ी सभी जानकारियां एक ही वैश्विक मंच (वेबसाइट) पर उपलब्ध होनी चाहिएं जिनमें पाठ्यक्रम चलाने वाले संस्थानों की जानकारी, इंटर्नशिप करवाने वाली संस्थाओं की जानकारी, निजी एवं सरकारी क्षेत्रों में अंशकालिक एवं पूर्णकालिक भर्ती तथा स्वतंत्र (फ्रीलांस) कार्य के विज्ञापन, सभी भाषाओं एवं क्षेत्रों के शब्दकोश एवं मानक शब्दावलियां आदि।
अत: अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस-2020 के अवसर पर यूएन में भारत सहित विश्व के सभी सदस्य देशों को अनुवाद एवं भाषांतरण के क्षेत्र में विकास और कुशल अनुवादकों एवं भाषांतरकारों के निर्माण एवं कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिएं। भारत सहित विश्व के सभी देशों में यह दिन भव्य तरीके से मनाया जाना चाहिए ताकि विश्व के लोगों का ध्यान आकर्षित किया जा सके और वे अनुवादकों और भाषांतरकारों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट कर सकें।
सुनील
भुटानी ‘रूद्राक्ष’
अनुवादक-लेखक-संपादक-प्रशिक्षक
ईमेल: sunilbhutani2020@gmail.com
मोबाइल/व्ह्टसअप
नं.: 9868896503
यूटयूब चैनल: ‘’रूद्राक्ष – RUDRAKSHA” (https://www.youtube.com/watch?v=TcoMNYtBjLs&t=47s)
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