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Friday, 10 January 2020

हिंदी दिवस बनाम विश्‍व हिंदी दिवस


हिंदी दिवस बनाम विश्‍व हिंदी दिवस

      विश्‍व में आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, आध्‍यात्मिक, साहित्यिक दृष्टि से अग्रणी भारत में 14 सितंबर और 10 जनवरी का विशेष महत्‍व है। एक ओर जहाँ हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है तो वहीं दूसरी ओर 10 जनवरी को विश्‍व हिंदी दिवस मनाया जाता है। भारतीय संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी को भारत संघ की राजभाषा के रूप में अंगीकृत किया था जिसकी याद में हर साल हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। नागपुर (महाराष्‍ट्र, भारत) में 10-12 जनवरी 1975 को प्रथम हिंदी विश्‍व सम्‍मेलन का आयोजन किया गया था जिसकी याद में 10 जनवरी को विश्‍व हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है।

हिंदी दिवस का मुख्‍य कार्यक्रम हर साल 14 सितंबर को विज्ञान भवन के भव्‍य सभागार में आयोजित किया जाता है। यह मुख्‍य कार्यक्रम राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत द्वारा आयोजित किया जाता है जिसमें माननीय राष्‍ट्रपति अथवा उपराष्‍ट्रपति, माननीय केंद्रीय गृह मंत्री एवं केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री और सचिव, राजभाषा विभाग मंच को सुशोभित करते हैं। विशिष्‍ट आमंत्रित अतिथियों के रूप में संसदीय राजभाषा समिति की तीनों उप-समितियों के माननीय सांसद सदस्‍यगण भाग लेते हैं। इस कार्यक्रम की प्रमुख गतिविधि सम्‍मानित मंच से गरिमामय संदेश होते हैं और राजभाषा विभाग द्वारा हर साल जारी किए जाने वाले वार्षिक कार्यक्रम के अनुरूप भारत सरकार में उत्‍कृष्‍ट कार्य करने वाले मंत्रालयों/विभागों/कार्यालयों/बैंकों/निगमों/बोर्डों आदि के वरिष्‍ठतम अधिकारियों को पुरस्‍कृत एवं सम्‍मानित किया जाता है। इसके साथ ही, उत्‍कृष्‍ट हिंदी पुस्‍तकों एवं हिंदी लेखों के लेखकों को पुरस्‍कृत एवं सम्‍मानित किया जाता है। इस सभागार में केंद्रीय सरकार के मंत्रालयों/विभागों/कार्यालयों के प्रतिनिधि के रूप में वरिष्‍ठ अधिकारीगण एवं राजभाषा कैडर से जुड़े अधिकारीगण/अनुवादकगण भाग लेते हैं। यह मुख्‍य कार्यक्रम बहुत ही औपचारिक एवं गरिमामय होता है।

उक्‍त मुख्‍य कार्यक्रम के अलावा भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/ विभागों/कार्यालयों/विश्‍वविद्यालयों/महाविद्यालयों/विद्यालयों आदि के साथ-साथ विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों में हिंदी दिवस कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके साथ ही, इनमें हिंदी दिवस के साथ-साथ हिंदी सप्‍ताह/पखवाड़ा/माह का आयोजन भी किया जाता है जिसमें विभिन्‍न हिंदी प्रतियोगिताओं/हिंदी कविता पाठ कार्यक्रमों आदि का आयोजन किया जाता है। यह सभी कार्यक्रम भी बहुत ही औपचारिक और गरिमामय होते हैं। 

विश्‍व हिंदी दिवस का सरकारी या गैर-सरकारी स्‍तर पर देश या विदेश में कोई मुख्‍य कार्यक्रम आयोजित किए जाने की परंपरा नहीं रही है। इस दिन देश-विदेश के हिंदी साहित्‍यकार तथा हिंदीप्रेमी व्‍यक्ति एवं संस्‍थाएँ स्‍वतंत्र रूप से बहुत-ही खूबसूरत एवं गरिमामय कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। इन कार्यक्रमों में हिंदी की हर विधा पर चर्चा-परिचर्चा होती है। हिंदी सिनेमा जगत भी इन कार्यक्रमों में विशेष रूचि दिखाता है। यदि विश्‍व हिंदी दिवस को देश-विदेश के हिंदीभाषियों, हिंदी-साधकों, हिंदी-साहित्‍यकारों, हिंदी-कलाकारों एवं हिंदी से जीविकोपार्जन करने वाले सभी महानुभावों के लिए बड़ा दिन (क्रिसमस) कहा जाए तो अतिश्‍योक्ति नहीं होगी। 

विश्‍व हिंदी दिवस कार्यक्रमों की श्रृंखला में, 10-11 जनवरी 2020 को विज्ञान भवन, नई दिल्‍ली, भारत के उसी विशाल एवं भव्‍य सभागार में हंसराज कॉलेज, दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय द्वारा अंतर्राष्‍ट्रीय हिंदी सम्‍मेलन का आयोजन किया गया जिसमें हर साल मुख्‍य हिंदी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस सम्‍मेलन में देश-विदेश के अनेक हिंदी-साहित्‍यकारों/विद्यानों ने भाग लिया। हिंदी की अनमोल धरोहर को सहेजने वाली युवा पीढ़ी की उपस्थिति इस कार्यक्रम का मुख्‍य आकर्षण थी। इस भव्‍य सभागार में उपस्थित प्रत्‍येक हिंदीप्रेमी अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा था। चूंकि मैं इस भव्‍य सभागार में आयोजित अनेक हिंदी दिवस कार्यक्रमों का रसास्‍वादन कर चुका हूँ और अब इसी भव्‍य सभागार में विश्‍व हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित अंतर्राष्‍ट्रीय हिंदी सम्‍मेलन का रसपान भी किया है, इसलिए मैं यह कह सकता हूँ कि इस भव्‍य सभागार में आयोजित हिंदी दिवस एवं विश्‍व हिंदी दिवस कार्यक्रमों का अपना-अपना विशेष महत्‍व एवं स्‍थान है।

साल 2020 का विश्‍व हिंदी दिवस अनूठा दिखाई दे रहा है। एक ओर जहां, विज्ञान भवन से हिंदी की खास महक आई, वहीं अनेक संस्‍थाओं ने विश्‍व हिंदी दिवस को खास बनाने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए हैं। मैं, यहां पर इंद्रप्रस्‍थ महिला महाविद्यालय, दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय द्वारा 9-11 जनवरी 2020 को अपने सम्‍मेलन कक्ष में आयोजित हिंदी : वैश्विक परिप्रेक्ष्‍य-भाषा, साहित्‍य और अनुवाद विषयक अंतर्राष्‍ट्रीय हिंदी सम्‍मेलन का विशेष उल्‍लेख करना चाहूँगा। यह सम्‍मेलन न्‍यूयॉर्क विश्‍वविद्यालय, दक्षिण एशियाई भाषा कार्यक्रम एवं कोलंबिया विश्‍वविद्यालय, हिंदी-उर्दू भाषा कार्यक्रम के सहयोग से आयोजित किया गया। इस सम्‍मेलन में देश-विदेश के प्रकांड हिंदी-साहित्‍यकारों/विद्वानों एवं अनुवादविदों ने भाग लिया। इसके साथ ही, मैं विश्‍व हिंदी दिवस को मुंबई हिंदी पत्रकार संघ द्वारा आयोजित बॉलीवुड और हिंदी विषयक परिचर्चा और विश्‍व हिंदी अकादमी, मुंबई द्वारा आयोजित हिंदी की विकास यात्रा पर परिसंवाद एवं काव्‍य संध्‍या का भी उल्‍लेख करना चाहूँगा।  

देश-विदेश में हिंदी दिवस और विश्‍व हिंदी दिवस कार्यक्रमों का एकमात्र मुख्‍य उद्देश्‍य देश-विदेश में हिंदी भाषा का विकास एवं प्रचार-प्रसार करते हुए हिंदी को राष्‍ट्रभाषा एवं विश्‍वभाषा के रूप में सुशोभित करने के साथ-साथ हिंदी को संयुक्‍त राष्‍ट्र में आधिकारिक कामकाज की भाषा के रूप स्‍थापित करना है। हम सभी एक ही मंजिल के पथिक हैं इसलिए यदि हम संयुक्‍त प्रयास एवं परिश्रम करें तो मंजिल तक जल्‍दी और निश्चित रूप से पहुंच सकते हैं। इस दिशा में, भारत संघ के देश-विदेश स्थित कार्यालयों में राजभाषा हिंदी का नियमानुसार प्रयोग सुनिश्चित करने का दायित्‍व वहन करने वाली नोडल एजेंसी राजभाषा विभाग और विश्‍व हिंदी सम्‍मेलनों के माध्‍यम से देश-विदेश में हिंदी का प्रचार-प्रसार एवं हिंदी को संयुक्‍त राष्‍ट्र की आधिकारिक कामकाज की भाषा के रूप में स्‍थापित करने के लिए तत्‍परता से अग्रसर विदेश मंत्रालय, भारत सरकार को एक संयुक्‍त छत्र (अम्‍ब्रेला) तैयार करना चाहिए जिसमें भारत सरकार के राजभाषा कैडर के प्रतिनिधि, देश-विदेश के सुप्रसिद्ध हिंदी साहित्‍यकार एवं भाषाविदों के प्रतिनिधि, हिंदीसेवी सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्‍थाओं के प्रतिनिधि, हिंदी प्रकाशकों के प्रतिनिधि, हिंदी सिनेमा एवं संगीत जगत के प्रतिनिधि, देश के विश्‍वविद्यालयों-महाविद्यालयों के हिंदी प्राध्‍यापकों-अध्‍यापकों के प्रतिनिधि, हिंदी आईटी जगत के प्रतिनिधि और देश-विदेश में हिंदी शिक्षा प्राप्‍त करने वाले विद्यार्थी वर्ग के प्रतिनिधि शामिल किए जाने चाहिएं।  

देश-विदेश के सभी हिंदीभाषियों, हिंदीप्रेमियों, हिंदी साहित्‍यकारों, हिंदी विद्वानों, हिंदी भाषाविदों, राजभाषा हिंदी कैडर के अधिकरियों/कर्मचारियों, हिंदी नाटककारों, हिंदी कवियों, हिंदी प्राध्‍यापकों-अध्‍यापकों, हिंदी प्रकाशकों, हिंदी के विद्यार्थियों/शोधार्थियों को विश्‍व हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।   

- सुनील भुटानी
लेखक एवं अनुवादक
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