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Wednesday 5 June 2019

एनडीए सरकार की कैबिनेट की पहली बैठक में करोड़ों किसानों को पेंशन की कवरेज प्रदान करने का ऐतिहासिक फैसला

तीन वर्षों में पांच करोड़ परिवारों का जीवन सुरक्षित बनाने के लिए पेंशन योजना

यह योजना पीएम-किसान मौद्रिक सहायता के अतिरिक्त होगी, आर्थिक बोझ घटाएगी और व्यापक दक्षता का मार्ग प्रशस्त करेगी

प्रविष्टि तिथि: 31 MAY 2019 8:45PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में केन्द्रीय क्षेत्र की एक नई योजना को मंजूरी दी गई है। यह ऐतिहासिक निर्णय देश भर के किसानों को सशक्त बनाएगा। यह अग्रणी योजना राष्ट्र को अनाज मुहैया कराने के लिए दिन-रात मेहनत करने वाले हमारे परिश्रमी किसानों को पेंशन की सुविधा उपलब्ध कराएगी। आजादी के बाद यह पहला मौका है, जब किसानों के लिए पेंशन कवरेज की परिकल्पना की गई है।
अनुमान है कि प्रारंभिक तीन वर्षों में पांच करोड़ छोटे और सीमांत किसान इससे लाभांवित होंगे। केन्द्र सरकार इस योजना के अंतर्गत परिकल्पित सामाजिक सुरक्षा कवर मुहैया कराने हेतु तीन वर्ष की अवधि के लिए अपने अंशदान के रूप में 10774.50 करोड़ रुपये की राशि खर्च करेगी।
इस योजना की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
यह देश भर के छोटे और सीमांत किसानों (एसएमएफ) के लिए स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है।
इसमें प्रारंभिक आयु 18 से 40 वर्ष है और 60 वर्ष की आयु होने पर 3000 रूपये की न्यूनतम निर्धारित पेंशन देने का प्रावधान है।
उदाहरण के लिए लाभार्थी किसान को 29 वर्ष की प्रवेश आयु में 100 रुपये प्रतिमाह का अंशदान करना अपेक्षित है। केंद्र सरकार भी पात्र किसान द्वारा किए गए अंशदान के बराबर राशि पेंशन निधि में जमा कराएगी।

अंशदानकर्ता की पेंशन लेने के दौरान मृत्यु होने के बाद एसएमएफ लाभार्थी की पत्नी/पति परिवार पेंशन के रूप में लाभार्थी द्वारा प्राप्त की जा रही पेंशन की 50 प्रतिशत पेंशन राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे। बशर्ते कि वे इस योजना के पहले से ही एसएमएफ लाभार्थी न हों। अगर अंशदानकर्ता की मृत्यु अंशदान अवधि को दौरान हो जाती है तो उसके पत्नी/पति के सामने नियमित अंशदान भुगतान द्वारा योजना को जारी रखने का विकल्प खुला होगा।

योजनाओं के बीच सामंजस्य, किसानों के लिए समृद्धि

इस योजना की दिलचस्प बात यह है कि किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना से प्राप्त लाभ से सीधे ही इस योजना में अपना मासिक अंशदान करने का विकल्प चुन सकता है। एक अन्य विकल्प यह भी है कि कोई भी किसान मैती’ के तहत कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से पंजीकरण कराकर भी अपने मासिक अंशदान का भुगतान कर सकता है।

मुख्य वायदे पूरे किए, कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाया-
आजादी के 70 साल बाद तक किसानों को इस तरह की कवरेज प्रदान करने के बारे में कभी विचार तक नहीं किया गया।2019 के संसदीय चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार इस तरह का विचार सामने रखा, जिसकी प्रतिध्वनि देश भर में सुनाई दी। इस योजना का उल्लेख भारतीय जनता पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में किया गया था और नई सरकार के गठन के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में ही इसे साकार कर दिया गया।  
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अतुल कुमार तिवारी/आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/आरके/एमएस– 1348


प्रधानमंत्री किसान योजना के दायरे में किसी भी भूमि सीमा के बगैर अब सभी किसान आएंगे

कैबिनेट की पहली बैठक में सभी किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना  के दायरे में लाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों से किया गया एक प्रमुख वादा पूरा किया

अब 14.5 करोड़ किसान इस योजना से लाभान्वित होंगे

प्रविष्टि तिथि: 31 MAY 2019 8:44PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस आशय की मंजूरी दी है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के दायरे को व्यापक रूप से बढ़ाया जाएगा। इस निर्णय के साथ ही अब सभी भूमि जोत वाले पात्र किसान परिवार (सामान्य अपवाद मानदंड को छोड़कर) इस योजना से लाभान्वित हो सकेंगे।
ज्यादा लाभार्थी, ज्यादा प्रगति :
संशोधित योजना से लगभग 2 करोड़ और किसानों को कवर किये जाने की आशा है। इससे पीएम-किसान योजना का दायरा बढ़ जाएगा और इसके दायरे में तकरीबन 14.5 करोड़ लाभार्थी आ जायेंगे। वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार द्वारा इस पर अनुमानित 87,217.50 करोड़ रुपये का व्यय किया जाएगा।
तेज गति, दायरा बढ़ाया और एक प्रमुख वायदा पूरा किया गया :
पीएम-किसान योजना का दायरा बढ़ाने से संबंधित आज के कैबिनेट निर्णय से आम चुनाव 2019 के दौरान देश की जनता से प्रधानमंत्री द्वारा किया गया एक प्रमुख वायदा पूरा हो गया है। भाजपा के चुनाव संकल्प पत्र में भी इस प्रमुख नीतिगत निर्णय का उल्लेख किया गया था। 
उल्लेखनीय है कि झारखंड में अद्यतन भूमि रिकॉर्ड उपलब्ध न होने और असम, मेघालय एवं जम्मू-कश्मीर में आधार की कम उपलब्धता जैसे परिचालन संबंधी कुछ मुद्दों को भी हल कर लिया गया है।

पीएम-किसान : किसानों के लिए एक ऐतिहासिक आय सहायता प्रोत्साहन :  
पीएम-किसान योजना का शुभारंभ वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में ही कर दिया गया है।
पीएम-किसान योजना के तहत देश भर में 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि वाले छोटे एवं सीमांत भूमिधारक किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6000 रुपये की आय सहायता देने का उल्लेख किया गया है (अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है)
इस योजना के तहत पूरे साल के दौरान प्रत्येक चार महीने में 2000-2000 रुपये की तीन किस्तों में यह राशि जारी की जा रही है। यह राशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण विधि के माध्यम से लाभार्थियों के निर्दिष्ट बैंक खाते में जमा की जा रही है।
इस योजना का शुभारंभ तीन हफ्तों की रिकॉर्ड अवधि में 24 फरवरी, 2019 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान किया गया था। इस दौरान निर्धारित पहली किस्त अनेक किसानों के बैंक खातों में जमा कर दी गई थी।
अभी तक 3.11 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में पहली किस्त और 2.66 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में दूसरी किस्त सीधे जमा की जा चुकी है।
नए उत्साह के साथ भारत के अन्नदाताओं की सेवा करना :
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भारत के किसानों के लिए बड़े ही श्रद्धा के साथ बार-बार अपने उद्गार व्यक्त करते रहे हैं। उन्होंने भारत के किसानों को हमारे अन्नदाता के रूप में वर्णित किया है जो 1.3 अरब भारतीयों का भरण-पोषण करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
वर्ष 2014 से वर्ष 2019 तक की अवधि के दौरान कड़ी मेहनत करने वाले किसानों को सशक्त बनाने के लिए अनगिनत कदम उठाए गए हैं। 22 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) में वृद्धि करना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना और बेहतर बाजारों के लिए ई-नाम इत्यादि इन महत्वपूर्ण कदमों में शामिल हैं। इन कदमों से कृषि क्षेत्र और ज्यादा समृद्ध हुआ है तथा इसके साथ ही किसानों के लिए ज्यादा उत्पादकता सुनिश्चित हुई है। ये समस्त कदम वर्ष 2022 तक यानी देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर किसानों की आमदनी दोगुनी करने संबंधी प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने में काफी मददगार साबित होंगे।
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अतुल कुमार तिवारी/आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/आरआरएस/सीएस–1349

व्यापारियों को पेंशन कवरेज मिलेगी!

कैबिनेट ने व्यापारियों के लिए पेंशन योजना को मंजूरी दी

इस निर्णय से 3 करोड़ खुदरा व्यापारी और दुकानदार लाभान्वित होंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले दिन ही एक और वायदा पूरा किया

प्रविष्टि तिथि: 31 MAY 2019 8:40PM by PIB Delhi
भारत में व्यापार और वाणिज्य की समृद्ध परम्परा रही है। हमारे व्यापारी भारत के आर्थिक विकास में निरंतर बहुमूल्य योगदान देते रहे हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने व्यापारिक समुदाय को लाभान्वित करने वाले एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत एक नई योजना को मंजूरी दी, जिसके तहत व्यापारी समुदाय को पेंशन कवरेज देने की पेशकश की गई है। यह सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा की सुदृढ़ संरचना मुहैया कराने संबंधी प्रधानमंत्री के विजन का एक हिस्सा है।
यह योजना कैसे काम करती हैः
इस योजना के तहत सभी दुकानदारों, खुदरा व्‍यापारियों और स्‍व-रोजगार करने वाले लोगों को 60 वर्ष की आयु हो जाने के बाद 3000 रुपये की न्‍यूनतम मासिक पेंशन देना सुनिश्चि‍त किया गया है।
सभी छोटे दुकानदारों एवं स्‍व-रोजगार वाले लोगों के साथ-साथ ऐसे खुदरा (रिटेल) व्‍यापारी भी इस योजना के लिए अपना नामांकन करा सकते हैं या इससे जुड़ सकते हैं, जिनका जीएसटी कारोबार 1.5 करोड़ रुपये से कम है और जिनकी आयु 18 से 40 वर्ष तक है। इस योजना से 3 करोड़ से भी अधिक छोटे दुकानदार एवं व्‍यापारी लाभान्वित होंगे।
यह योजना स्‍व-घोषणा पर आधारित है, क्‍योंकि ‘आधार’ एवं बैंक खाते को छोड़कर किसी और दस्‍तावेज की जरूरत नहीं पड़ती है। इच्‍छुक व्‍यक्ति देश भर में फैले 3,25,000 से भी अधिक साझा सेवा केन्‍द्रों (कॉमन सर्विस सेंटर) के जरिये स्‍वयं का नामांकन करा सकते हैं या इससे जुड़ सकते हैं।
भारत सरकार इस योजना के सदस्‍य के खाते में समान योगदान देगी। उदाहरण के लिए, यदि 29 साल की उम्र का कोई व्‍यक्ति प्रति माह 100 रुपये का योगदान करता है तो केन्‍द्र सरकार भी प्रत्‍येक महीने सम्‍बन्धित सदस्‍य के खाते में सब्सिडी के रूप में ठीक उतनी ही राशि का योगदान करेगी।
पहले ही दिन एक प्रमुख वायदा पूरा कियाः
व्यापारिक समुदाय के लिए एक पेंशन संरचना का अनुकरण कर प्रधानमंत्री और उनकी टीम ने भारत की जनता से किए गए एक प्रमुख वायदे को पूरा किया है। श्री नरेन्द्र मोदी ने व्यापारियों को पेंशन देने की जरूरत का उल्लेख किया था जो विशेषकर उनकी वृद्धावस्था के दौरान उन्हें एक सम्मानित जीवन और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
इस निर्णय को व्यापारियों और छोटे एवं मझोले कारोबारियों के कल्याण के लिए उठाए गए कई अन्य कदमों के आलोक में भी देखा जा सकता है। व्यापारिक समुदाय से सुझाव या फीडबैक आमंत्रित करने के बाद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को काफी सरल बनाया गया। इसी तरह ‘मुद्रा’ लोन मिलने से युवा भारत के उद्यमिता से जुड़ा उत्साह काफी बढ़ गया है। 1 करोड़ रुपये तक के ऋण अब आसानी से उपलब्ध हैं। 
इन कदमों के साथ-साथ कई और तरह के ठोस प्रयासों से व्यापारिक समुदाय को काफी मदद मिलेगी।

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अतुल कुमार तिवारी/आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/आरआरएस/सीएस–1354


(रिलीज़ आईडी: 1573082) आगंतुक पटल : 125