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Sunday 9 October 2016

राजभाषा हिंदी एवं अनुवाद संबंधी उपयोगी पुस्तकें



राजभाषा हिंदी एवं अनुवाद संबंधी उपयोगी पुस्तकें

  • शैक्षिक व्याकरण और हिंदी भाषा – कृष्‍ण कुमार गोस्वामी; आलेख प्रकाशन
  • कम्प्यूटर हिंदी - भोलानाथ तिवारी; प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली
  • कम्प्यूटर और हिंदी – डॉ. हरिमोहन; तक्षशिला प्रकाशन,  नई दिल्ली
  • कामकाजी हिंदी – डॉ. कैलाशचन्द्र भाटिया; तक्षशिला प्रकाशन, नई दिल्ली
  • मानक हिंदी का शुद्धिपरक व्याकरण – डॉ. रमेशचंद्र मेहरोत्रा; आकृति प्रकाशन, दिल्ली
  • मानक हिंदी का स्वरूप - भोलानाथ तिवारी; प्रभात प्रकाशन , नई दिल्ली
  • हिंदी: क्यों और कैसे – डॉ. महेश चन्द्र गुप्त;  इन्द्रप्रस्थ इंटरनेशनल, दिल्ली
  • हिंदी: मत अभिमत - विमलेश कांति वर्मा, प्रकाशन विभाग, पटियाला हाऊस, नई दिल्ली
  • हिंदी: राष्‍ट्रभाषा, राजभाषा, जनभाषा - शंकर दयाल सिंह, किताब घर, नई दिल्ली
  • हिंदी: राष्‍ट्रभाषा से राजभाषा तक - विमलेश कांति वर्मा, प्रकाशन विभाग, पटियाला हाऊस, नई दिल्ली
  • हिंदी: स्वरूप और विस्तार – डॉ. पूरनचंद टण्डन / डॉ. सुनील तिवारी; किताब घर, नई दिल्ली
  • हिंदी की मानक वर्तनी – डॉ. कैलाशचन्द्र भाटिया; प्रभात प्रकाशन, दिल्ली
  • हिंदी विकास और संभावनाएँ – डॉ. कैलाश चन्द्र भाटिया; प्रकाशन  विभाग, भारत सरकार
  • हिंदी हम सबकी – डॉ. श्‍याम सिंह शशि; प्रकाशन  विभाग, भारत सरकार
  • हिंदी भाषा: कल और आज – डॉ. पूरनचंद टण्डन/डॉ. अग्रवाल; किताब घर, दिल्ली
  • हिंदी और हम - विद्या निवास मिश्र; प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली
  • हिंदी और उसकी उपभाषाएँ - विमलेश कांति वर्मा; प्रकाशन विभाग, भारत सरकार
  • विश्‍वभाषा हिंदी: संस्कृति और समाज - हजारी प्रसाद द्विवेदी; प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली
  • विदेशी भाषा के रूप में हिंदी का अध्यापन – डॉ. पी. विद्यासागर दयाल; हिंदी बुक सेंटर, नई दिल्ली
  • टिप्पण लेखन के सिद्धांत – डॉ. पूरनचन्द टण्डन/प्रकाश चन्द्र भट्ट; विद्यार्थी प्रकाशन, नई दिल्ली
  • भाषा प्रौद्योगिकी - सूर्यप्रसाद दीक्षित; किताबघर प्रकाशन , नई दिल्ली
  • भारत सरकार की राजभाषा नीति - अरविंद कुलश्रेष्‍ठ, कृष्‍ण कुमार गोस्वामी; केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा
  • प्रयोजनमूलक कामकाजी हिंदी – डॉ. कैलाशचन्द्र भाटिया; तक्षषिला प्रकाशन, नई दिल्ली
  • पदनाम और संक्षिप्ताक्षर – डॉ. हरीश कुमार सेठी; ऐरो पब्लिषर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स, दिल्ली
  • प्रयोजनमूलक हिंदी प्रक्रिया और स्वरूप - कैलाश चन्द्र भाटिया;  तक्षशिला प्रकाशन, नई दिल्ली
  • प्रशासनिक हिंदी – डॉ. पूरनचन्द टण्डन;  पुनीत एण्टरप्राइजिज़, नई दिल्ली
  • प्रशासनिक हिंदी ऐतिहासिक संदर्भ – डॉ. महेशचन्द्र गुप्त;  वाणी प्रकाशन,  नई दिल्ली
  • प्रशासनिक पत्राचार - ठाकुर दास, कृष्‍ण कुमार गोस्वामी; केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा
  • राजभाषा के विकास में अनुवाद की भूमिका – डॉ. गार्गी गुप्त, भारतीय अनुवाद परिषद्, नई दिल्ली
  • राजभाषा हिंदी की समस्या – डॉ. ओमप्रकाश शर्मा; हिंदी प्रचारक संस्थान, वाराणसी
  • राजभाषा हिंदी में वैज्ञानिक साहित्य के अनुवाद की दिशाएँ – डॉ. हरिमोहन; तक्षषिला प्रकाशन, नई दिल्ली
  • राजभाषा हिंदी और तकनीकी अनुवाद - रमेश चन्द्र;  कल्याणी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली
  • राजभाशा नीति कार्यान्वयन – डॉ. हरिबाबू कंसल;  सुधांशु बन्धु, नई दिल्ली
  • संपादन कला के सिद्धांत – डॉ. पूरनचंद टंडन; शांति पुस्तक मंदिर, दिल्ली
  • सामान्य हिंदी : व्यावहारिक हिंदी – डॉ. भोलानाथ तिवारी, डॉ. ओम प्रकाश गाबा; लिपि प्रकाशन, नई दिल्ली
  • सामान्य हिंदी व्याकरण - ब्रजकिशोर प्रसाद सिंह
  • सूचना क्रांति और विश्‍व भाषा हिंदी – प्रो. हरिमोहन, तक्षशिला प्रकाशन,  नई दिल्ली
  • देवनागरी लिपि और राजभाषा हिंदी - रमेष चन्द्र,  सामयिक प्रकाशन,  नई दिल्ली
  • वस्‍तुनिष्‍ठ हिंदी – डॉ. पूरनचन्द टंडन; किताबघर प्रकाशन, दिल्ली
  • अंग्रेज़ी-हिंदी अनुवाद कला - श्रावणी मुखर्जी; राजकुमार एंड संस, दिल्ली
  • अंग्रेज़ी-हिंदी अनुवाद व्याकरण - सूरजभान सिंह; प्रभात प्रकाशन , नई दिल्ली
  • आजीविका साधक हिंदी – डॉ. पूरनचन्द टण्डन; इन्द्रप्रस्थ प्रकाशन , दिल्ली
  • अनुवाद की सामाजिक भूमिका - रीतारानी पालीवाल; हिंदी बुक सेन्टर, नई दिल्ली
  • अनुवाद समझें और कहें - विचार दास सुमन; भावना प्रकाशन , दिल्ली
  • राजभाषा-नीति-कार्यान्‍वयन : चुनौतियाँ एवं समाधान – सुनील भुटानी; हेमाद्रि प्रकाशन, शाहदरा, दिल्‍ली  
  • अनुवाद के नए परिप्रेक्ष्‍य - संतोष खन्‍ना; विधि भारती परिषद्, दिल्‍ली 
 (ध्‍यानाकर्षण/डिस्‍कलेमर : इस पोस्‍ट का उद्देश्‍य किसी पुस्‍तक/लेखक विशेष का विज्ञापन करना नहीं है, अपितु राजभाषा हिंदी एवं अनुवाद के क्षेत्र में कार्य कर रहे महानुभावों को उपयोगी पुस्‍तकों की जानकारी  देना है। पुस्‍तक चयन किसी भी व्‍यक्ति/संस्‍था/कार्यालय की पसंद/आवश्‍यकता पर निर्भर करता है।)

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